May 4, 2024

बेटी को बचाने के लिए मां-बाप का संघर्ष

Shenzhen : तस्वीर है 7 साल की क्विआनक्विआन की (जिसके सिर पर बाल नहीं है)। शेनझेन चिल्ड्रन हॉस्पिटल में वो अपने तीनों भाईयों के साथ खुश दिख रही है। पर 2009 में जब उसका जन्म हुआ था, तभी उसे थैलेसीमिया होने की बात पता चली थी। पिता जुआंग ने कई डॉक्टर्स को दिखाया पर उसकी बीमारी का एक ही इलाज था, कि वो एक और बच्चे को जन्म दें, जिसके अम्बेलिकल कॉर्ड ब्लड को क्विआनक्विआन में ट्रांसप्लांट किया जाए। नहीं मैच हो रहा था ब्लडग्रुप…

– शुरुआती दौर में उसे हफ्ते में दो बार ब्लड चढ़ाया जाता था।
– जुआंग ने तय कर लिया था चाहे कुछ भी हो, कितना भी खर्च करना पड़े, पर वो बेटी को बचाकर रहेंगे।
– 2011 में युगल ने बेटे को जन्म दिया पर उसका कॉर्ड ब्लड ग्रुप मैच नहीं हुआ।
– उसी साल एक और बेटे का जन्म हुआ पर किस्मत ने साथ नहीं दिया।
– 2014 में उन्होंने चौथे बच्चे को जन्म दिया। जिसका ग्रुप मैच हो गया।
– जून में अम्बेलिकल कॉर्ड ब्लड ट्रांसप्लांट किया गया। अब क्विआनक्विआन खतरे से बाहर है।

बेटी को कैसे खो देता…
जुआंग माइग्रेंट वर्कर हैं, उनकी हर महीने की सैलरी 29 हजार रुपए है। फिर भी सर्जरी पर 19.93 लाख रुपए और इलाज पर 9.96 लाख रुपए खर्च किए। जुआन कहते हैं ‘मेरी बेटी है वो, ऐसे कैसे उसे खो देता? आखिरी सांस तक मैं उसके लिए संघर्ष करता। जब ट्रांसप्लांटेशन से पहले 36 दिनों तक बेटी के साथ क्वारेंटाइन में अकेले रहना कड़ी परीक्षा थी। पर बेटी के लिए तो हर परीक्षा से गुजरने को तैयार था। आखिर, सात साल का संघर्ष कामयाब रहा।