May 18, 2024

न्यू एजुकेशन पॉलिसी को लेकर अभिभावक पहुंचे शिक्षा मंत्री के द्वार

Faridabad/Alive News: सोमवार को जिले के लगभग 90 स्कूलों के अभिभावकों के साथ, अभिभावक सेवा मंच के पदाधिकारीयो व उद्योग व्यापार मंडल के प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र मित्तल, शिक्षा मंत्री से मुलाकात करने के लिए पहुँचे। 6 साल से कम उम्र के बच्चो को पहली कक्षा में दाखिल ना करने की सरकार की नीति का मुद्दा था। जिस पर शिक्षा मंत्री ने अभिभावकों को सुब्ह 10 बजे का समय दिया था । तब तक अभिभावक शिक्षा मंत्री के पास पहुँचे तो शिक्षा मंत्री बहाना बनाकर निकल गए।

मौके पर मौजूद तहसीलदार कृष्ण कुमार से मिल अभिभावकों की समस्याओं को लेकर गहन चर्चा की गई । लगभग जिले के हर स्कूल से पहुँचे अभिभावकों ने नये नियम से बच्चों को दोबारा बिना फेल हुए के.जी. क्लास में बैठने का दुख सुनाया।
सुमन बाल्मीकि व अन्य स्कूलों से आईं पचास से अधिक बच्चों की माताओं ने अपने बच्चों का साल, पूरे साल की बस फीस, एनुअल चारजिस, स्कूल फीस, टयूशन फीस, किताबें, कापियां, स्टेशनरी आदि बर्बाद होने का खतरा बताया कई स्कूलों का एक-दो दिन में रिजल्ट आने वाला है। इसे लेकर संजय मित्तल व दीपक कपूर ने एक दो दिन में ही इस नियम को समाप्त करने का अल्टीमेटंम दिया। उन्होंने कहा कि यह नियम सीधे तौर पर स्कूलों के साथ मिलकर तैयार किया गया है और पूरे देश में सत्ताधारी पार्टी स्कूलों के माथ्यम से अभिभावकों की जेबों पर डाका डालने का काम कर रही है जोकि बहुत गलत है।
महेन्द्र मित्तल ने कहा यदि यही हाल रहा तो आने वाले चुनावों में सत्ताधारी पार्टी के बड़े-बड़े धुरंधर नेता भी जीतना तो दूर अपनी जमानत भी नहीं बचा पायगे।

सुमन बाल्मीकि ने भी बताया कि एक साल से भी अधिक समय से हमने 58 स्कूलों की हुई जांच को सार्वजनिक करने के लिए कहा परन्तु सरकार निजी स्कूलों से मिलीभगत कर आगामी चुनावों के लिए स्कूलों से चंदा बटोरने का कार्य कर रही है। बच्चों की शिक्षा पर सिर्फ कागजी योजनाएं चला रही है। चिराग योजना और फार्म 134 के तहत दाखिले के लिए बच्चों के माता -पिता को धक्के खाने के लिए मजबूर हो जाते हैं। दानव रूपी कई निजी स्कूलों के संचालक सरकार से पिछली पेमेंट न मिलने का बहाना बना ऐन वक्त पर इन्कार कर देते हैं। चिराग योजना में सरकार की मंशा पर तो सरकारी अध्यापक तक सवाल उठा चुके हैं कि आने वाले सालों में फंड खत्म होने का बहाना करके इस योजना को बंद कर देगी।

मंच के पदाधिकारी संदीप गांधी व विपिन गुप्ता ने तहसील दार को सिलसिलेवार बताया कि कैसे पिछले साल से अनशन के बाद 58 स्कूलों की जांच हुई और जांच करने में भी नखरे किये गये बाद में जांच के कम्पाईल न होने का बहाना बनाया गया, फिर रिपोर्ट पंचकुला निदेशालय को भेजने की बात कर नहीं सार्वजनिक की गई । अभिभावक इस मुद्दे को लेकर सेवा मंच के सदस्य पंचकूला 2 बार गये लेकिन निदेशक गणेशन ने दुर्व्यवहार करते हुए सभी अभिभावकों को बाहर कर दिया । अगली बार एडिशनल डायरेक्टर कालिया ने भी रिपोर्ट आर. टी. आई. के माध्यम से प्राप्त करने का आदेश सुना निराश कर अभिभावकों को खाली हाथ वापिस भेज दिया। इसी साल 9 फरवरी को महेन्द्र मित्तल के नेतृत्व में पेरेन्टस फिर शिक्षा मन्त्री से मुलाकात कर रिपोर्ट मांगने गये। वो भी टाल-मटोल कर जांच बहाना बनाने लगे । थक-हार कर सेवा मंच ने 15 फरवरी को आर टी आई लगाई जिसकी रिपोर्ट एक महीना होने को है आज तक नहीं आई ।

अभिभावकों ने शेम-शेम करते हुए जमकर सत्ताधारी पार्टी को कोसा और चेतावनी देते हुए कोर्ट व सडक पर सरकार को घसीटने की बात की। नायब तहसीलदार के पास सिवाए इसके कोई जवाब देते नहीं बन रहा था कि मेरे संग्यान में यह मुद्दा नहीं है मैं मन्त्री जी को आपकी शिकायत दे दूँगा। इस पर सभी स्कूलों के अभिभावक संतुष्ट नहीं हुए और एक दो दिन बाद दोबारा आने को बोलकर आगामी चुनावों में सत्ता से बाहर करने का मन बना लौट आऐ।