May 8, 2024

विधायक बबली ने वीडियो जारी कर मांगी माफी, किसानों के साथ टोहाना पहुंचे टिकैत

Chandigarh/Alive News: टोहाना से जननायक जनता पार्टी के विधायक देवेंद्र सिंह बबली एक जून से किसानों के साथ चले आ रहे टकराव के बाद अब बैकफुट पर आ गए हैं। विधायक ने वीडियो जारी कर किसानों से अपने मुंह से निकले शब्दों को लेकर माफी मांग ली है। वीडियो में विधायक ने कहा है कि 1 जून को वह टोहाना में आए थे, उस दिन जो भी घटना हुई है वह उस घटना के जो भी जिम्मेदार है। आगे उन्होंने कहा कि “मेरे से उस दौरान ऐसे शब्द निकले, जो कि शोभनीय नहीं थे, क्योंकि मैं एक जनप्रतिनिधि हूं। मैं उन शब्दों को वापस लेता हूं और खेद प्रकट करता हूं”। इसी के साथ पिछली पांच दिनों से चला रहा गतिरोध खत्म हो गया।

दोनों किसान नेताओं को रिहा नहीं करने के कारण शनिवार को भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत, भाकियू (चढूनी) ग्रुप के प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी, योगेंद्र यादव, युद्धवीर सिंह, जोगिंद्र नैन आदि संयुक्त किसान संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य भी गिरफ्तारी देने के लिए टोहाना पहुंचे। दो हजार से अधिक किसान भी टोहाना की अनाज मंडी में एकत्रित हुए। इसके बाद किसानों ने सदर थाने जाकर प्रदर्शन किया। यहां प्रशासन से बातचीत के बाद विधायक देवेंद्र बबली के साथ किसानों के प्रतिनिधिमंडल की वार्ता हुई। इस वार्ता के दौरान बबली ने खेद प्रकट किया।

यह था पूरा मामला
एक जून को टोहाना के शहर थाना रोड पर गए विधायक देवेंद्र सिंह बबली की गाड़ी रोककर किसानों ने उनके खिलाफ नारेबाजी की थी। इस दौरान विधायक और कुछ किसानों के बीच गाली-गलौज हुई थी। विधायक ने भी कुछ युवा किसानों को अपशब्द बोले थे। किसानों ने भी विधायक के साथ गाली-गलौज की। इसी दिन दोपहर बाद नागरिक अस्पताल में एक्स-रे मशीन व दिव्यांगों के लिए वैक्सीन शिविर का उद्घाटन करने गए विधायक बबली का घेराव कर किसानों ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया था। इस दौरान किसानों की लाठी से विधायक की गाड़ी के शीशे टूट गए थे। उनके निजी सचिव राधेश्याम को भी गर्दन पर चोट आई थी।

इसके बाद अगले दिन गुरनाम सिंह चढूनी के नेतृत्व में किसानों ने टोहाना में विरोध प्रदर्शन किया। प्रशासन से बातचीत में विधायक को माफी मांगने या उनके खिलाफ केस दर्ज करने के लिए 6 जून की शाम तक का समय दिया गया था। मगर इसी बीच कुछ किसानों द्वारा विधायक के घर के घेराव का निर्णय लिया गया। घेराव करने जा रहे 27 किसानों को पुलिस ने हिरासत में लिया था। इसमें से दो किसान नेताओं रवि आजाद और विकास सीसर को गिरफ्तार करके हिसार जेल भेज दिया गया था। इसी से मामला और बिगड़ गया।