May 7, 2024

निजी स्कूलों के खातों की जांच व ऑडिट सीएजी से कराने की मंच ने रखी मांग

Faridabad/Alive News : हरियाणा अभिभावक एकता मंच ने कहा है कि प्राइवेट स्कूलों के पास काफी मात्रा में सरप्लस व रिजर्व फंड मौजूद होता है और वे लाभ में होते हैं उसके बावजूद वे हर साल ट्यूशन फीस में बेतहाशा वृद्धि करते हैं। मंच के प्रदेश अध्यक्ष एडवोकेट ओपी शर्मा और प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा ने कहा है कि अगर उनके पिछले 10 सालों के खातों की जांच व ऑडिट सीएजी से करायी जाए तो उनके पास और अधिक सरप्लस फंड मिलेगा इसके अलावा उन्होंने जो लाभ के पैसे को अन्य जगह ट्रांसफर किया है और खातों में गड़बड़ी की है उसका भी पता चल जाएगा। मंच ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि वे प्रदेश के सभी प्राइवेट स्कूलों के पिछले 10 साल के खातों की जांच व ऑडिट CAG से कराएं जिससे पता चल सके की स्कूल लाभ में हैं या हानि में ।

मंच के प्रदेश संरक्षक सुभाष लांबा व लीगल एडवाइजर एडवोकेट बीएस बिरदी ने कहा है कि मंच ने शिक्षा निदेशक कार्यालय पंचकुला व जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय फरीदाबाद में आरटीआई लगाकर फरीदाबाद के 36 प्राइवेट स्कूलों के पिछले 3 साल के फार्म 6 व उसके साथ लगाई गई ऑडिट रिपोर्ट व बैलेंस शीट की कॉपी मांगी है। जिससे पता चल सके कि उनके पास कितना सरप्लस व रिज़र्व फंड है। मंच का आरोप है कि स्कूल प्रबंधक ट्यूशन फीस के अलावा वार्षिक शुल्क, दाखिला शुल्क, विकास शुल्क, सुरक्षा शुल्क, कैपिटेशन, कंप्यूटर, परीक्षा शुल्क आदि नामों से फीस वसूलते हैं लेकिन फॉर्म 6 में सिर्फ ट्यूशन फीस में ली गई फीस ही दिखाते हैं इसके अलावा ऑडिट रिपोर्ट व बैलेंस शीट में गैर जरूरी व अनाप शनाप खर्चे जैसे लीगल, पैकिंग, एडवरटाइजमेंट, मनोरंजन, टूर एंड ट्रैवल, वार्षिक उत्सव, एनुअल डे, डोनेशन, स्कूल के नाम से जमीन खरीदने आदि अन्य कई गैर कानूनी मदों में लाखों रुपए खर्च दिखा कर अपने स्कूल को घाटे में दिखाते हैं। इतना ही नहीं स्कूल प्रबंधक स्कूल के लाभ का काफी पैसा अपने अन्य बिजनेस में लगाते हैं या बाहर डायवर्ट करते हैं जो पूरी तरह से गैरकानूनी है। मंच ऐसे ही गैर कानूनी कार्यों की जांच पड़ताल करके दोषी स्कूलों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग करेगा।