April 30, 2024

भारी हंगामे के कारण लोकसभा स्थगित, नए मंत्रियों का परिचय भी नहीं करा पाए पीएम

New Delhi/Alive News: कोरोना संकट के बीच संसद का मानसून सत्र शुरू हो गया है। संसद पहुंच कर पीएम मोदी ने कहा कि धारदात सवाल पूछें, लेकिन सरकार को जवाब देने का मौका भी दें। संसद के दोनों सदनों में कार्यवाही शुरू होते ही कोरोना की दूसरी लहर, महंगाई और चीन से जुड़े मामले और पत्रकारों-नेताओं की जासूसी को लेकर हंगामा शुरू हो गया। हंगामे के बाद राज्यसभा की कार्यवाही दोपहर 12:24 तक के लिए और लोकसभा की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सदन में अपने मंत्रिपरिषद का परिचय दे रहे थे, तब हो रहे हंगामे के खिलाफ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आपत्ति जताई।

राज्यसभा की कार्यवाही स्थगित
राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होने के साथ अभिनेता दिलीप कुमार और फ्लाइंग सिख मिल्खा समेत इस साल जान गंवाने वाले सांसदों और प्रसिद्ध हस्तियों को श्रद्धांजलि दी गई। राज्यसभा के पिछले दिनों दिवंगत हुए वर्तमान सदस्य डॉ. रघुनाथ महापात्र एवं राजीव सातव के सम्मान में उच्च सदन की बैठक सोमवार को एक घंटे के लिए दोपहर 12:24 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया। 
 
लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संबोधन शुरू हो गया है। भारी हंगामे के बीच पीएम मोदी ने कहा, खुशी की बात है कि कई दलित भाई मंत्री बने हैं। हमारे कई मंत्री ग्रामीण परिवेश से है, लेकिन कुछ लोगों को ये रास नहीं आ रहा है। संसद के दोनों सदन की कार्यवाही शुरू हो गई है। आज संसद के मॉनसून सत्र का पहला दिन है। लोकसभा में नए सांसदों को शपथ दिलाई जा रही है। 
 
इन मुद्दों पर वार-पलटवार तय
विपक्ष ने सरकार पर कोरोना की दूसरी लहर के दौरान फैली अव्यवस्था, टीकों की कमी, लद्दाख से जुड़े एलएसी पर जारी तनाव, पेट्रोल-डीजल की आसमान छूती कीमतों और राज्यों की नई जनसंख्या नीति जैसे मुद्दों पर हमला करने की रणनीति बनाई है। संसद में सरकार पर एकजुट हमला बोलने के लिए कांग्रेस विपक्षी दलों के साथ लगातार संपर्क में है। जबकि सरकार ने इन मुद्दों पर पलटवार की तैयारी की है। कोरोना मामले में सरकार ने पीएम केयर्स फंड का राज्यों द्वारा उपयोग न करने, टीका के संदर्भ में लगातार भ्रम फैलाने और राज्यों द्वारा पेट्रोल-डीजल पर भारी राजस्व वसूलने जैसे मामले को उठा कर पलटवार की तैयारी की है।

संसद: ये बिल किए जाएंगे पेश
मानसून सत्र के दौरान सरकार की योजना 14 नए बिल पेश करने और तीन अध्यादेशों पर संसद की मंजूरी हासिल करने की है। इन तीन अध्यादेशों में से दो पर पहले से ही विवाद है। सरकार आवश्यक रक्षा सेवा अध्यादेश के जरिए सेना के लिए हथियार, गोलाबारूद, वर्दी बनाने वाले आयुध कारखानों में हड़ताल को गैरकानूनी घोषित कर दिया है। इसमें हड़ताल करने वालों के लिए दो साल की सजा का भी प्रावधान है।

कई मजदूर संघों के साथ संघ का अनुषांगिक संगठन भारतीय मजदूर संघ ने भी इसका तीखा विरोध किया है। अब सरकार इस सत्र में इस अध्यादेश को कानूनी जामा पहनाने की तैयारी में है। इसके अलावा सरकार पराली जलाने की घटना पर लगाम लगाने के लिए जारी अध्यादेश को भी कानूनी जामा पहनाने की तैयारी में है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और उसपास के क्षेत्र में पराली जलाने केलिए अध्यादेश में भारी जुर्माने और सजा का प्रावधान है। किसान संगठन लंबे समय से इसका विरोध कर रहे हैं।
 
मानसून सत्र में शामिल होने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसद पहुंचे। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वैक्सीन लगवाने वाले लोग बाहुबली बन गए। आप भी वैक्सीन लगवा कर बाहुबली बनें। इसके साथ ही कहा कि कोरोना काल में सदन में सार्थक चर्चा के लिए समर्पित हो। सभी माननीय तीखे से तीखे सवाल पूछें ताकि जनता को उसके सवालों का जवाब मिल सके। साथ ही अपील की कि धारदार सवाल पूछें, लेकिन सरकार को जवाब देने का मौका भी दें।  
 
पेगासस पर सरकार को घेरेगी कांग्रेस
पेगासस हैकिंग विवाद पर लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा, ‘हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा खतरे में है। मैं इस मुद्दे को जरूर उठाऊंगा।’ संसद के मानसूत्र सत्र में इस बार सरकार और विपक्ष के बीच तीखी जंग होने के आसार हैं। सत्र शुरू होने से पहले विपक्ष के हाथ सरकार को घेरने के लिए एक बड़ा मुद्दा लग गया है।

विपक्षी पार्टियों ने लोकसभा और राज्यसभा दोनों ही सदनों में इस विषय पर चर्चा की मांग की है और स्थगन प्रस्ताव दिया गया है। राज्यसभा में सीपीआई नेता बिनॉय विश्वम, राजद सांसद मनोज झा, आप सांसद संजय सिंह समेत अन्य कई सांसदों द्वारा इस विषय पर चर्चा की मांग की गई है। इन नेताओं के अलावा कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने भी ट्वीट कर सरकार पर तंज कसा है। राहुल गांधी ने अपने ट्वीट में लिखा, ” हमें पता है ‘वो’ क्या पढ़ रहे हैं, जो भी आपके फोन में है। विपक्ष के तीखे तेवरों से साफ है कि इस मसले पर सरकार को संसद में सवालों का सामना करना पड़ सकता है।