November 18, 2024

इस साल के दूसरे ग्रहण की जानिए तिथि और ग्रहण में ये ना करें काम

Religion/Alive News : वैदिक ज्योतिष और विज्ञान में ग्रहण लगना दो अलग तरह की घटनाओं के तौर पर देखा जाता है। विज्ञान में जहां सूर्य और चंद्र ग्रहण एक खगोलीय घटना है। वहीं, ज्योतिष शास्त्र में यह बेहद अहम घटना मानी जाती है। हिंदू धर्म में सूर्य और चंद्रमा को देवताओं की संज्ञा दी गई है। ऐसे में जब ग्रहण लगता है तो इसे उन्हें होने वाले कष्टों के तौर पर देखा जाता है। ग्रहण से कुछ समय पहले से सूतक काल शुरू हो जाता है और इस दौरान कुछ कार्यों को करने पर रोक लग जाती है।

तिथि
इस साल में 4 ग्रहण लगने हैं। इनमें से 2 सूर्य और 2 चंद्र ग्रहण है. 1 सूर्य और 1 चंद्र ग्रहण लग चुके हैं और 2 लगने बाकी हैं। इस साल का पहला सूर्य ग्रहण 20 अप्रैल को लगा था और दूसरा 14 अक्टूबर को लगने वाला है। 14 अक्टूबर को लगने वाले इस ग्रहण की शुरुआत रात को 8 बजकर 34 मिनट से होगी और इसका समापन रात 2 बजकर 25 मिनट पर होगा। हालांकि, यह सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा। ऐसे में यहां सूतक काल मान्य नहीं होगा।

सूर्य ग्रहण के दौरान खाना बनाने और खाने की मनाही होती है। सूर्य ग्रहण के दौरान निगेटिव एनर्जी काफी अधिक होती है। ऐसे में कोई भी मांगलिक कार्य नहीं किया जाता है। ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को काफी सावधानी बरतने की आवश्यकता होती है। ग्रहण काल में प्रेग्नेंट महिलाओं को घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए। इसके साथ ही किसी भी प्रकार की धारदार वस्तु का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।

पूजा-पाठ
ग्रहण से पहले लगने वाले सूतक काल में पूजा-पाठ भी वर्जित माना जाता है। ऐसे में इस दौरान मंदिर या किसी देवी-देवता की मूर्ति को नहीं छूना चाहिए।जप और भगवान का ध्यान कर सकते हैं वहीं, ग्रहण के दौरान नाखून, बाल काटने और सोने से भी बचना चाहिए।