May 5, 2024

जागृति रामलीला कमेटी ने राम जन्म व ताडक़ा वध कथा का किया मनोहारी मंचन

Faridabad/Alive News : जागृति रामलीला कमेटी, 2 ई-पार्क द्वारा रंगमंचीय रामलीला के तीसरे दिन सोमवार रात को राम जन्म व ताडक़ा वध कथा का मनोहारी मंचन किया गया। राजा दशरथ के जब कोई संतान नहीं हुई तो फिर उन्होंने श्रंगी ऋषि से यज्ञ कराया। इसके बाद राजा दशरथ की तीनों की रानियां एक साथ गर्भवती हो गयीं। ठीक नौ महीने के बाद भगवान राम का जन्म हुआ। जैसे ही भगवान राम का जन्म हुआ वैसे ही सारी अयोध्या में हर्ष की लहर दौड़ पड़ी। सभी लोगों ने आकर राजा दशरथ को पुत्र रत्न की बधाई दी। उपस्थित सभी लोगों ने पुष्प वर्षा कर भगवान राम के जन्म की खुशी मनायी।

इस मौके पर जय श्रीराम के उदघोष से सारा पार्क गुंजायमान हो गया। इस मौके पर मुख्यातिथि के रूप में भाजपा की प्रदेश सचिव रेणु भाटिया, पार्षद मनोज नासवा, अशोक अरोड़ा व नरेश गोसार्ईं उपस्थित रहे जबकि विशिष्ट अतिथियों में चारू गोसाईं, रेनू भाटिया उर्फ राजन, नीतू नासवा व कविता आजाद की गरिमामयी उपस्थिति रही। जागृति रामलीला कमेटी के प्रधान योगेश भाटिया व मोहन सिंह भाटिया ने मुख्यातिथियों व विशिष्ट अतिथियों का बुके देकर सम्मान किया।

रामलीला में राजा दशरथ का किरदार प्रदीप ने पूरी तन्मयता से निभाया, जिनके अभिनय को देख दर्शकगण रोमांचित होते रहे। रामलीला का संचालन डायरेक्टर ओमप्रकाश तथा प्रदीप द्वारा किया गया। भगवान राम का किरदार अनिल भाटिया द्वारा निभाया जाएगा। प्रधान योगेश भाटिया ने बताया कि रामलीला का मंचन 14 अक्टूबर तक किया जाएगा, जिसमें 5 को सीता स्वयंवर (बन्नू वाली), 6 को राम वनवास, 7 को भरत विलाप, 8 को सीता हरण, 9 को हनुमान मिलन व बाली वध, 10 को लंका दहन, 11 को अंगद संवाद, 12 को लक्ष्मण मूर्छा, 13 को कुम्भकर्ण-मेघनाथ वध तथा 14 अक्टूबर को रावण वध व भगवान श्रीराम के राजतिलक का मंचन किया जाएगा।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि रेणु भाटिया व मनोज नासवा ने रामलीला में किए गए राम जन्म मंचन की सराहना करते हुए आज के युवाओं से उनके मार्ग पर चलने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि रामलीला के माध्यम से हमें यह सीख मिलती है कि हमें समाज में कैसा व्यवहार करना चाहिए। अशोक अरोड़ा व नरेश गोसाईं उन्होंने कहा कि रामलीला एक धार्मिक मंच है न कि मनोरंजन का साधन। आज के समाज में कई विकृतियां आ गई हैं जिन्हें हमें रामायण से शिक्षा लेकर ठीक करना होगा। रामायण को यदि संपूर्ण रूप से समझा जाए तो यह हमें एक आदर्श इंसान बनने की प्रेरणा देती है।