New Delhi/Alive News : फेक न्यूज आम लोगों और देश के लिए कितनी खतरनाक हो सकती है, इसका अंदाजा पश्चिम बंगाल समेत अन्य राज्यों में चुनाव के दौरान होने वाली छोटी छोटी मारपीट और चुनावी हिंसा से ही लगाया जा सकता है। लेकिन अब सूचना और प्रौद्योगिकी (आईटी) मंत्रालय इस पर लगाम लगाने की तैयारी में है। सूचना और प्रौद्योगिकी संसदीय पैनल ने पारंपरिक और डिजिटल मीडिया प्लेटफार्मों से कई सुधार करने की सिफारिश की है। वहीं मिली जानकारी के अनुसार संसद के शीतकालीन सत्र में सूचना एवं प्रोद्यौगिकी से जुड़ी एक खास रिपोर्ट पेश हो सकती है।
जानकारी के मुताबिक आइटी पैनल ने अपनी रिपोर्ट में ‘राष्ट्र विरोधी’ रवैया को परिभाषित करने से लेकर टेलीविजन रेटिंग बिंदुओं का मूल्यांकन करने और नकली समाचारों से निपटने के लिए समर्पित कानून पेश करने के लिए एक बेहतर प्रणाली को शामिल किया है। पैनल ने अपनी रिपोर्ट में पेड न्यूज, फेक न्यूज, टीआरपी के साथ छेड़छाड़, मीडिया ट्रायल्स, पक्षपात रिपोर्टिंग जैसे मामलों का जिक्र किया है। क्योंकि फेक न्यूज ने मीडिया की विश्वसनीयता पर बड़ा सवालिया निशान लगा दिया है, यह स्वस्थ लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है और अगर स्वस्थ लोकतंत्र को सही से चलाना है तो यह केवल मीडिया की तरफ से सही जानकारी के प्रसार से ही संभव है।
जानकारी के अनुसार मीडिया सेक्टर के लिए बन रहे कानून में प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स को कवर किया जाएगा। कहा जा रहा है कि प्रस्तावित कानून, प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, डिजिटल मीडिया, सिनेमा और नेटफ्लिक्स और हॉटस्टार जैसे ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर भी लागू किया जाएगा।