May 5, 2024

बोर्ड परीक्षा के लिए हाइब्रिड मॉडल की मांग पर 18 नवंबर को होगी सुनवाई

New Delhi/Alive News: सुप्रीम कोर्ट 18 नवंबर 2021 को याचिका पर सुनवाई करेगा जिसमें सीबीएसई और सीआईएससीई को दसवीं और बारहवीं बोर्ड परीक्षाओं के लिए हाईब्रिड मॉडल अपनाने के निर्देश देने की अपील की गई है। याचिकाकर्ताओं का कहना हैै कि परीक्षार्थियों को ऑनलाइन परीक्षा देने की भी व्यवस्था की जानी चाहिए। इससे पहले इस याचिका पर आज 15 नवंबर को सुनवाई की जानी थी। इस याचिका के पीछे कोरोना संकट का हवाला दिया गया है।

अभी सीबीएसई द्वारा परीक्षा ऑनलाइन मोड में लेने की घोषणा की गई है। यह याचिका 6 छात्रों ने दायर की है, जो इस बार परीक्षा में शामिल होने वाले हैं। इस याचिका पर सुनवाई एएम खानविल्कर और सीटी रवि कुमार की बेंच करेगी।कोर्ट द्वारा इसके साथ ही जनवरी के लिए लंबित पड़े एक अन्य याचिका पर भी सुनवाई की जाएगी, जिसमें परीक्षार्थियों के अंकों में सुधार की मांग की गई है।

याचिकाकर्ताओं ने कहा कि लंबित पड़ी याचिका के मुद्दे वर्तमान याचिका से अलग है, तो इसपर कोर्ट ने कहा कि हम इसे गुरुवार को देखेंगे। सीबीएसई बोर्ड द्वारा कक्षा बारहवीं के माइनर (छोटे) विषयों की टर्म 1 परीक्षाएं आज यानि 16 नवंबर 2021 से शुरू की जा रही है। वहीं दसवीं बोर्ड के लिए टर्म 1 परीक्षाओं का आयोजन 17 नवंबर 2021 से शुरू किया जा रहा है।

सीआईएससीई बोर्ड की टर्म 1 परीक्षाओं का आयोजन 22 नवंबर 2021 से किया जाएगा। ये सभी परीक्षाएं ऑफलाइन मोड में ही आयोजित की जानी है। याचिका के अनुसार ऑफलाइन परीक्षा के आयोजन से छात्रों के इस आयु समूह में कोरोना संक्रमण का खतरा है। अब तक देश में ज्यादातर टीकाकृत जनता 18 वर्ष से ऊपर की है। इसलिए छात्रों कोरोना से खतरा है। छात्रों की ओर से अधिवक्ता सुमानाथ नूकाला द्वारा दायर की गई याचिका में कहा गया है कि बोर्ड परीक्षाओं का आयोजन हाईब्रिड यानी ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों ही मोड में किया जाना चाहिए।

अधिवक्ता ने कहा कि परीक्षा के लिए छात्रों की सहमति जरूरी है। परीक्षा सीधे याचिकाकर्ताओं के मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी हुई है। परीक्षार्थियों को अनुकूल और स्वैच्छिक वातावरण की आवश्यकता होती है। इसके अलावा कोरोना महामारी के तीसरी लहर की भी संभावना जताई जा रही है।