November 17, 2024

बिना एसएलसी के दाखिले बंद करे सरकार: रामअवतार शर्मा

Bhiwani/ Alive News : शिक्षा विभाग द्वारा बिना एसएलसी के सरकारी स्कूलों में बच्चों को दाखिल करने के निर्णय का विरोध करते हुए प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन हरियाणा की बुधवार को प्रदेश स्तरीय वर्चुअल मीटिंग हुई। मीटिंग में एसोसिएशन के राज्य कार्यकारिणी के पदाधिकारी, जिलों के अध्यक्ष व राज्यभर के स्कूल संचालकों ने भाग लिया।

मीटिंग की शुरुआत करते हुए एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष रामअवतार शर्मा ने सभी संचालकों से सुझाव मांगे। मीटिंग को सम्बोधित करते हुए रामअवतार शर्मा ने कहा कि अगले दो दिन में ही एसोसिएशन की कोर कमिटी की एक बैठक बुलाई जाएगी और शिक्षा मंत्री व मुख्यमंत्री से मिलने का समय लिया जायेगा।

उन्होंने सभी स्कूल संचालकों को आश्वस्त किया कि प्राइवेट स्कूलों के साथ किसी प्रकार की नाइंसाफी नहीं होने दी जाएगी। उन्होंने कहा की शिक्षा विभाग के नियम प्राइवेट और सरकारी स्कूलों के लिए एक होने चाहियें। सरकार ने ही एमआईअस पोर्टल की व्यवस्था शुरू की थी। अब विभाग इस वयवस्था को क्यों बंद करना चाहता है ये हमारी समझ से बाहर है।

शिक्षा विभाग के अधिकारी प्राइवेट स्कूलों के बच्चों को बिना एसएलसी के सरकारी स्कूलों में दाखिला दे रहे हैं जो कि सरासर गलत और प्राइवेट स्कूलों के साथ नाइंसाफी है। प्राइवेट स्कूल पहले ही कोरोना की मार झेल रहे हैं। पिछले वर्ष सरकार ने सिर्फ ट्यूशन फीस लेने के आदेश दिए थे, इससे भी प्राइवेट स्कूलों को बहुत नुक्सान हुआ। लेकिन फिर भी स्कूलों ने पिछले दिनों सरकार का सहयोग किया।

रामअवतार शर्मा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने प्राइवेट स्कूलों की दिक्कत को समझा और स्कूलों के हक़ में निर्णय देते हुए पूरी फीस लेने की इज़ाज़त दी। लेकिन इस निर्णय के बाद भी प्राइवेट स्कूलों ने उदारता का परिचय देते हुए अभिभावकों से सिर्फ और सिर्फ ट्यूशन फीस ही ली है। अब सरकार और अभिभावकों को भी प्राइवेट स्कूलों की स्थिति समझनी चाहिए।

प्राइवेट स्कूलों को खत्म करने की ये जो साजिश शिक्षा विभाग के अधिकारी कर रहे हैं इसे कामयाब नहीं होने दिया जायेगा। रामअवतार शर्मा ने कहा की यदि शिक्षा मंत्री और मुख्यमंत्री हमारी मांग नहीं मानते हैं तो हम सभी स्कूलों को बिलकुल बंद कर देंगे। फिर सभी बच्चों को पढ़ने की जिम्मेदारी सरकार की होगी।

रामअवतार शर्मा ने कहा कि अभिभावक फीस देकर प्राइवेट स्कूलों से एसएलसी लेकर अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में पढ़ाएं हमें कोई आपत्ति नहीं। लेकिन बिना फीस दिए, बिना एसएलसी के सरकारी स्कूलों में बच्चों को दाखिल करना तो बिलकुल गलत है। विभाग जानबूझकर अभिभावकों को प्राइवेट स्कूलों के खिलाफ उकसा रहा है। विभाग खुद अपने ही नियमों का उलंघन कर रहा है जो कि गलत है।

मीटिंग में एसोसिएशन के वरिष्ठ उप प्रधान वज़ीर ढांढा, उप प्रधान जोगिन्दर ढुल, महासचिव दलशेर लोहान, सचिव सुनीता रेढू, सचिव कुलदीप कलायत, सचिव मीना नरवाल, सह सचिव अनीता शर्मा, मीडिया प्रभारी सुदेश चहल पूनिया, विभिन्न जिलों के प्रधान, कुलदीप पूनिया कैथल, अमित डागर भिवानी, बदन सिंह, श्रद्धानन्द नुनसर, रामकुमार कैरू, आकाश रहेजा आदि मौजूद थे।

एसोसिएशन के वरिष्ठ उप प्रधान वज़ीर ढांढा ने कहा कि प्राइवेट स्कूलों के सामने कोरोना काल में समस्यांए पहले ही बहुत हैं और सर्कार को प्राइवेट स्कूलों को और परेशान नहीं करना चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया की शिक्षा मंत्री व मुख्यमंत्री जी से जल्द से जल्द मिलकर प्राइवेट स्कूलों का पक्ष रखा जाये और इस समस्या का समाधान निकला जाये।