May 3, 2024

भ्रष्टाचार विरोधी मंच की आड़ में निगम एवं सरकार की छवि धूमिल की जा रही : पार्थ गुप्ता

Faridabad/Alive News : भ्रष्टाचार विरोधी मंच की आड़ लेकर कुछ बाहरी व्यक्तियों द्वारा निगम मुख्यालय पर अनशन करके निगम एवं सरकार की छवि को धूमिल किया जा रहा है। उक्त जानकारी निगम के अतिरिक्त आयुक्त पार्थ गुप्ता ने दी। उन्होंने बताया कि हरियाणा सरकार द्वारा रतन रोहिल्ला जो कि निगम में स्थापना अधिकारी के पद पर कार्यरत थे का स्थानान्तरण दिनांक 12.5.2017 को यमुनानगर कर दिया गया था जिसकी अनुपालना में दिनांक 27.05.2017 को उन्हें निगम की सेवाओं से कार्यभार मुक्त करते हुए यमुनानगर में अपनी डयूटी ज्वाइन करने बारे में भी निर्देष दिए हुए थे परन्तु अपनी डयूटी ज्वाइन न करके उन्होंने निगम मुख्यालय फरीदाबाद के बाहर प्रतिदिन अनषन जारी रखा बल्कि भ्रष्टाचार को मुददा बनाकर विभिन्न राजनैतिक पार्टियों को अपने अनषन में शामिल करके निगम व सरकार की छवि भी धूमिल की जा रही है। हालांकि निगम द्वारा स्थानान्तरण आदेषों में उक्त कर्मचारी के पद में हुई त्रुटि बारे केस मार्गदर्षन हेतू सरकार को भेजा जा चुका है। उन्होंने यह भी बताया कि उक्त अधिकारी पिछले कई वर्षों से निगम की सेवाओं में कार्यरत रहा है और हरियाणा सरकार द्वारा इस अधिकारी का स्थानान्तरण करने से पूर्व उक्त अधिकारी द्वारा निगम में घोटालों की बात क्यूं नहीं उजागर की।

रतन रोहिल्ला ने निगम के प्रति जो घोटाले पत्राचारों के माध्यम से उजागर किए है उनमें से ज्यादातर मुददे काफी पुराने है और लगभग सभी मुददों पर पहले से ही कार्यवाही चल रही हैं और समय-समय पर उन मुददों पर सम्बन्धित अधिकारियों को सख्त कार्यवाही करने के आदेष दिए जाते रहे है। निगम के अतिरिक्त आयुक्त ने कहा कि सरकार द्वारा सरकारी विभागों में प्रत्येक अधिकारी/कर्मचारी का स्थानान्तरण होना निष्चित है परंतु इसका यह अर्थ नहीं की कोई भी अधिकारी/कर्मचारी स्थानान्तरण होने के बाद भ्रष्टाचार को मुददा बनाकर अनषन/प्रदर्षन का रास्ता अख्तियार कर लें यह न केवल सरकार के विरूद्ध है अपितु हरियाणा सिविल सर्विसिस कन्डक्ट रूल 2016 के रूल-।। की भी अवहेलना है।

अतिरिक्त आयुक्त ने रतन लाल रोहिल्ला को नोटिस के माध्यम से अख्तियार किए गए रास्ते की निंदा करते उन्हें निर्देष दिए कि वह ऐसी गतिविधियों को अपनाकर पब्लिक को भ्रमित न करे और निगम के कार्यों में बाधा न पहंुचाए। उन्होंने यह भी कहा कि यदि किसी भी व्यक्ति को निगम के किसी भी अधिकारी/कर्मचारी से कोई षिकायत या समस्या है तो वे निःसंकोच उनसे मिल सकते है।