Faridabad/Alive News: फरीदाबाद में करीब चार सौ एकड़ में बसी ग्रीन फील्ड कॉलोनी को मुख्यमंत्री ने नगर निगम को अपने अधीन लेने और कॉलोनी में सभी विकास कार्य करने के आदेश दिए है। मुख्यमंत्री का आदेश मिलने के बाद नगर निगम ने भी इस दिशा में कदम बढ़ाने शुरू कर दिए है। इससे पहले नगर निगम ने संबंधित कॉलोनी का डिटेल सर्वे करवाने का फैसला किया है। इसके लिए निगम ने टेंडर लगा दिया है। 19 अक्टूबर तक कंपनी टेंडर भर सकती है और 21 अक्टूबर को टेंडर खोले जाएंगे। वहीं, नियम शर्त पूरी करने वाली कंपनी को सर्वे की जिम्मेदारी सौंप दी जाएगी।
इसके अलावा मुख्यमंत्री ने नगर निगम से कॉलोनी का पूरा ब्यौरा भी मांगा है। नगर नगर की तरफ से जारी टेंडर में कॉलोनी संपत्ति के बारे में जानकारी जुटाने पर फोकस कर रही है, ताकि कॉलोनी को बिल्डर से अपने अधीन करने से पहले आमंदनी ओर खर्च का मूल्यांकन किया जा सके। बता दें, कि इस कॉलोनी में पेयजल, सड़को की हालत, सीवर, पार्क, खाली जमीन आदि रिपोर्ट तैयार करवाई जाएगी। निगम के एक अधिकारी के मुताबिक किसी भी कॉलोनी को निगम अपने अंडर लेने से पहले कॉलोनी के लोगो के प्रति बिल्डर की देनदारी का पता लगाया जाता है। उसके बाद बिल्डर से वसूली करके उस पैसे से सम्बन्धित कॉलोनी में विकास करवाया जा सकें।
बता दें, कि अर्बन इंप्रूमेंट कंपनी ने सरकार से लाइसेंस लेकर ग्रीन फील्ड कॉलोनी को विकसित किया था। लेकिन निवेशक और कंपनी के बीच विवाद चलने के कारण पिछले कई सालों से विकास कार्य रुका पड़ा है। निवेशको का आरोप है कि कंपनी लोगो को मूलभूत सुविधा नही दे पा रही है। जबकि कंपनी निवेशको के आरोप को निराधार बताती है। अब यह मामला दिल्ली हाईकोर्ट में विचाराधीन है।
दरअसल, पिछले दिनों भी ग्रीवेंस कमेटी में यह मामला उठाया था। उपमुख्यमंत्री दुष्यन्त चौटाला ने कॉलोनी में पानी की आपूर्ति के आदेश दिए थे। ग्रीन फील्ड कालोनी निवासी राजेश कौशल ने शिकायत रखी थी कि उनकी कालोनी में पर्याप्त मात्रा में पानी की सप्लाई नहीं हो रही है। इस पर नगर निगम के अधिकारियों ने बताया कि कालोनी के लिए 2.80 लाख लीटर पानी की प्रतिदिन जरूरत है और वह तीन दिन में एक बार 2.50 लाख लीटर पानी सिर्फ चार घंटे के लिए ही दे सकते हैं। इस पर उपमुख्यमंत्री ने पानी का प्रपोजल तैयार करने के आदेश दिए थे।