May 3, 2024

ओल्ड फरीदाबाद सरकारी स्कूल में झाडू लगाती है छात्राएं, फिर शुरू होती है पढ़ाई, ऐसे कैसे बढ़ेगा इंडिया

Faridabad/Alive News: हरियाणा सरकार के तमाम प्रयासों के बावजूद प्रदेश के सरकारी स्कूलों की हालत बद से बदतर है। हाल ही में इसका एक नजारा फरीदाबाद जिले के राजकीय कन्या आदर्श वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के सरकारी स्कूल में देखने को मिला। यहां हर दिन स्कूल शुरू होने से पहले छात्राओ को खुद हाथ में झाड़ू लेकर कक्षाओं की सफाई करती दिखाई देती है।

गर्मी में टीन से बनी कक्षाओं में पढ़ने को मजबूर छात्रा

दरअसल, ओल्ड फरीदाबाद जिले के राजकीय कन्या आदर्श वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में सफाई कर्मचारी होने के बावजूद भी यहां छात्राएं खुद झाडू लेकर हर रोज अपनी कक्षाओं की सफाई करने के लिए मजबूर हैं। बच्चे हर दिन स्कूल आने के बाद अपनी कक्षाओं में झाडू लगाते है और फिर पढ़ाई शुरू करते हैं। इस स्कूल में दूर दूर से कुल 2165 छात्राएं शिक्षा ग्रहण करने आती है।

ओल्ड सरकारी स्कूल में लगे प्याऊ पर पानी पीने आई छात्रा

स्कूल में नही है पीने के पानी की व्यवस्था
विद्यालय के शिक्षक के अनुसार स्कूल में बच्चों के लिए पीने के पानी की भी उचित व्यवस्था नहीं है, जिसके चलते बच्चों को रोज अपने घर से पानी लेकर आना पड़ता है। इसके अलावा स्कूल के शिक्षक ने बताया कि स्कूल में प्रतिदिन 200 लीटर पानी बच्चों के पीने के लिए शिक्षा विभाग की ओर से एलएंटीडी हाई टीडीएस रेट पर स्कूल में उपलब्ध करवाता है। लेकिन गर्मी में 2165 छात्राओं के लिए यह पानी भी कम पड़ जाता है।

बरामदें में गर्मी में बैठकर पढ़ती छात्राएं

कक्षा ना होने के कारण बरामदे में बैठकर पढ़ने को मजबूर छात्राएं
राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में 23 कमरे कंडम घोषित होने के कारण शिक्षा विभाग द्वारा मार्च 2022 में लगभग सभी कमरे तोड़ दिए गए। लेकिन उसके बाद से शिक्षा विभाग द्वारा कमरे बनाने के लिए अब तक कोई बजट जारी नहीं किया गया है। जिसके कारण छात्रायें बरामदें में बैठकर पढ़ाई करने को मजबूर है।

अंधेरे और गर्मी में पढ़ाई करती है छात्राएं
कमरे टूटे होने के कारण छात्राएं टीन शेड से बनी कक्षाओं में अंधेरे में बैठकर पढ़ने को मजबूर है। आलम यह है कि बरामदे में पढ़ने वाली छात्राओं के लिए पंखे और ब्लैक बोर्ड तक उपलब्ध नहीं है। वहीं छात्राएं उमस भरी भीषण गर्मी में अपने भविष्य को सवारने की जद्दोजहद में लगी हुई है।

अंधेरे और गर्मी में पढ़ाई करती छात्राएं

क्या कहना है स्कूल छात्राओं का
इस स्कूल में साफ सफाई के लिए सफाई कर्मचारी तो मौजूद है। लेकिन हमें हर रोज सुबह आकर अपनी कक्षाओं को साफ करना पड़ता है उसके बाद हमारी पढ़ाई शुरू होती है। जो सफाई कर्मचारी स्कूल में नियुक्त किया गया है वह केवल स्कूल के बरामदे में झाड़ू लगाते हैं कक्षाओं में नहीं।
अंजली, छात्रा

हम लोग कई बार इसकी शिकायत स्कूल प्रिंसिपल से कर चुके हैं लेकिन सफाई कर्मी पर इसका कोई असर नहीं होता। हम घर से नहा धोकर स्कूल में पढ़ने के लिए आते है और यहां आकर झाड़ू लगाने के बाद कपड़े और हमारे बाल धूल मिट्टी से गंदे हो जाते है जिससे पढ़ाई में ध्यान कम और कपड़ो की गंदगी पर ध्यान ज्यादा रहता है।
शीतल, छात्रा

क्या कहना है स्कूल प्रिंसिपल का
स्कूल की इमारत काफी पुरानी है ऐसे में स्कूल के कई कमरे कंडोम घोषित होने के कारण उन्हें शिक्षा विभाग द्वारा तुड़वा दिया गया था। जिसके बाद स्कूल में इस वर्ष दाखिला होने से बच्चियों की संख्या बढ़ने पर स्कूल की तरफ से जिला शिक्षा अधिकारी और जिला परियोजना अधिकारी को पत्र लिखकर हमने नए 78 कमरों की मांग रखी है। लेकिन अब तक नए कमरे बनाने को लेकर शिक्षा विभाग की ओर से ना तो कोई बजट भेजा गया है और ना ही उसके उपर कोई प्रतिक्रिया मिल रही है।

महेंद्र सिंह, प्रिंसिपल- राजकीय कन्या आदर्श वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय।

क्या कहना है अधिकारी का
स्कूल में सफाई कर्मचारियों की व्यवस्था होने के बाद भी अगर बच्चियां कक्षाएं साफ कर रही है तो यह बेहद गंभीर मामला है। स्कूल में बच्चियों को पीने के लिए पानी नहीं मिल रहा है। इस बारे में मैं स्कूल प्रिंसिपल से खुद बात करूंगी और स्कूल में सभी सुविधाएं मुहैया करवाई जाएंगी। स्कूल में टूटे हुए कमरों को लेकर नगर निगम की तरफ से स्कूल में क्या कार्य किया जा रहा है। इसकी भी जानकारी निगम अधिकारियों से ली जाएगी।
मुनेश चौधरी जिला शिक्षा अधिकारी फरीदाबाद।