May 5, 2024

छात्राओं ने मनाया अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस

Faridabad/Alive News: नोबल नर्सिंग सेवा की शुरूआत करने वाली ‘फ़्लोरेन्स नाइटिंगेल’ के जन्म दिवस पर हर वर्ष विश्व भर में नर्स दिवस 12 मई को मनाया जाता है। नर्स दिवस को मनाने का प्रस्ताव पहली बार अमेरिका के स्वास्थ्य, शिक्षा और कल्याण विभाग के अधिकारी डोरोथी सदरलैंड ने दिया था। बाद में अमेरिकी राष्ट्रपति डी.डी. आइजनहावर ने इसे मनाने की स्वीकारता प्रदान की। इस दिन को पहली बार 1953 में मनाया गया था।

राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय एन एच तीन फरीदाबाद में जूनियर रेडक्रॉस, गाइड्स और सैंट जॉन एंबुलेंस ब्रिगेड ने अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस पर प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचंदा के निर्देशानुसार वर्चुअल कार्यक्रम आयोजित किया।प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचंदा ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय नर्स परिषद ने इस दिवस को पहली बार वर्ष 1965 में मनाया। नर्सिंग पेशेवर की शुरूआत करने वाली फ्लोरेंस नाइटइंगेल के जन्म दिवस 12 मई को अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस के रूप में मनाने का फैसला 1974 में लिया गया था।

विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट के अनुसार विश्व में अमीर और ग़रीब दोनों प्रकार के देशों में नर्सोंं की कमी है। विकसित देश अपने यहां नर्सोंं की कमी को अन्य देशों से नर्सोंं को बुलाकर पूरा कर लेते हैं और उनको वहां पर अच्छा वेतन और सुविधाएं देते हैं, जिनके कारण वे विकसित देशों में जाने में देरी नहीं करती हैं। दूसरी ओर विकासशील देशों में नर्सोंं को अधिक वेतन और सुविधाओं की कमी रहती है और आगे का भविष्य भी अधिक उज्ज्वल नहीं दिखाई देता, जिसके कारण वे विकसित देशों के बुलावे पर नौकरी के लिए चली जाती हैं।

मनचंदा ने कहा कि उन्हें लंबे समय तक कार्य करना पडता है और उनको सभी सुविधाएँ नहीं दी जाती हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अनुसार सरकारी चिकित्सा महाविद्यालयों और अस्पतालों में नर्सों की कमी को ध्यान में रखते हुए विवाहित महिलाओं को भी नर्सिंग पाठयक्रम में प्रवेश लेने की अनुमति दी गई है। नर्सिंग को विश्व के सबसे बड़े स्वास्थ्य पेशे के रूप में माना जाता है। नर्स को फिजिकली ही नहीं मानसिक और सामाजिक स्तर पर भी पहलुओं के माध्यम से रोगी की देखभाल करने के लिए अच्छी तरह से प्रशिक्षित, शिक्षित और अनुभवी होना चाहिए।

जब पेशेवर चिकित्सक दूसरे रोगियों को देखने में व्यस्त होते है, तब रोगियों की चौबीस घंटे देखभाल करने के लिए नर्सिस की सुलभता और उपलब्धता होती हैं। नर्सिस से रोगियों के मनोबल को बढ़ाने वाली और उनकी बीमारी को नियंत्रित करने में मित्रवत, सहायक और स्नेहशील होने की उम्मीद की जाती है। हर वर्ष आज ही के दिन राष्‍ट्रीय फ्लोरेंस नाइटिंगल पुरस्‍कार दिया जाता है। इसकी शुरुआत 1973 में भारत सरकार के परिवार एवं कल्‍याण मंत्रालय ने की थी। पुरस्कार से नर्सों की सराहनीय सेवा को मान्‍यता प्रदान किया जाता है।

अब तक कुल 250 के करीब नर्सों को इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। पुरस्कार हर वर्ष देश के राष्ट्रपति द्वारा दिया जाता है। फ्लोरेंस नाइटिंगल पुरस्‍कार में 50 हज़ार रुपए नकद, एक प्रशस्ति पत्र और मेडल दिया जाता है। नर्स दिवस पर उन की निःस्वार्थ सेवाओं को वंदन करते हुए छात्राओं नेहा गुप्ता, खुशी, आरती, अंजली और जिया पटेल ने सुंदर पेटिंग बना कर संदेश लिखे जिनका प्राध्यापिका जसनीत कौर और प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचंदा ने स्वागत करते हुए आभार व्यक्त किया।