Faridabad/Alive News : उपायुक्त यशपाल ने कहा है कि खेती के कार्य के दौरान दुर्घटना में मृत्यु होने पर मुख्यमंत्री किसान एवं खेतीहर जीवन सुरक्षा योजना के तहत परिवार की सहायता की जाती है। ऐसे परिवार को 37 हजार रूपए से लेकर 5 लाख रूपए तक की सहायता राशि प्रदान करने का प्रावधान है।
उपायुक्त यशपाल ने योजना की जानकारी देते हुए बताया कि खेतों में काम करने वाले किसानों और मजदूरों की स्थिति को ध्यान में रखते हुए सरकार द्वारा मुख्यमंत्री किसान एवं खेतीहर जीवन सुरक्षा योजना संचालित की जा रही है। इस योजना के तहत खेत में कार्य करते हुए दुर्घटना में मौत होने या गंभीर रूप से चोट लगने पर परिवार एवं प्रभावित व्यक्ति को सहायता प्रदान की जाती है। उन्होंने कहा कि किसानों और मजदूरों को फसल की देखभाल और अन्य कार्य के लिए लगातार खेतों में काम करना पड़ता है। कई बार खेतों में काम करने के दौरान दुर्घटना भी हो जाती हैं और किसान के आश्रित परिवार के सामने आजीविका का संकट खड़ा हो जाता है।
उन्होंने बताया कि अगर खेती के कार्यों के दौरान खेतों, गांवों, मार्किट यार्ड तथा ऐसे स्थानों से आते-जाते समय किसी व्यक्ति के साथ दुर्घटना हो जाती है तो योजना के तहत मार्किट कमेटी के माध्यम से पीडि़तों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। दुर्घटना के दौरान मृत्यु होने पर 5 लाख रुपये, रीढ़ की हड्डी टूटने या स्थायी अशक्तता होने पर ढाई लाख रुपये, दो अंग भंग होने पर या गंभीर चोट लगने पर 1,87,500 रुपये की सहायता दी जाती है। इसी प्रकार, एक अंग भंग होने या स्थायी चोट लगने पर सवा लाख रुपये, पूरी उंगली कटने पर 75 हजार रुपये, आंशिक उंगली भंग होने पर 37 हजार रुपये की राशि मार्किट कमेटी के माध्यम से दी जाती है।
उपायुक्त यशपाल ने बताया कि मृत्यु के मामले में आर्थिक सहायता हेतु दावा करने के लिए पुलिस व पोस्टमार्टम की रिपोर्ट का होना जरूरी है। अशक्तता की स्थिति में प्रमाण पत्र व अंग हानि होने की स्थिति में शेष बचे हुए अंग की फोटो दावे के साथ प्रस्तुत करना जरूरी है। आवेदक को दुर्घटना के दो महीने के अन्दर संबंधित मार्किट कमेटी के सचिव के पास आवेदन करना होगा।