Faridabad/Alive News: सेक्टर- 76 ग्रेटर फरीदाबाद की एडल डिवाइन कोट हाईराइज सोसायटी के लोग को पिछले कई साल से पजेशन न मिलने के कारण रविवार को सेक्टर- 12 खेल परिसर पहुंचे और बिल्डर के खिलाफ अपना रोष व्यक्त किया।
एडल डिवाइन सोसायटी के लोगों का कहना है कि उनका पजेशन का मामला पिछले कई सालों से एनसीएलटी कोर्ट में विचाराधीन है। लेकिन अब सोसायटी के लोग चाहते है कि केस की सुनवाई फास्टट्रैक कोर्ट में की जाए, ताकि उन्हें जल्द पजेशन मिल सकें। आगे लोगों ने बताया कि फ्लैट के पजेशन को लेकर बिल्डर ने बड़े बड़े दावे किए थे और अब बिल्डर ने उनके साथ धोखा किया है और बिल्डर ने अपने आपको दिवालिया घोषित कर लिया है। बिल्डर के दिवालिया होने से अब उन्हें फ्लैट मिलने की आस भी कम हो गई है। लोगों ने कहा कि सरकार हस्तक्षेप कर मामले पर संज्ञान लें और जल्द उचित कार्यवाही कर उन्हें मालिकाना हक दिलाए। वरना, वह लोग धरना देने के लिए मजबूर होगें।
सेक्टर- 76 में ऐरा बिल्डर ने ऐरा हाईराइज तथा लॉ राइज नामक दो प्रोजेक्ट लॉच किए। बाद में बिल्डर ने ऐरा का नाम बदलकर एडल लैंडमार्क सोसायटी रख लिया। बिल्डर ने लॉ राइज सोसायटी का निर्माण कार्य पूरा कर दिया। लेकिन वहां मूलभूत सुविधाओं की काफी कमी रही। इसके बाद लॉ राइज सोसायटी में लोगों ने बिना पजेशन लिए रहना शुरु कर दिया, परंतु बिल्डर ने हाईराइज का निर्माण कार्य शुरु ही नहीं किया। इसके बाद लोगों ने यहां स्वंय ही नींव ड़ाली और काम शुरु किया, परन्तु फंड की कमी की वजह से काम पूरा नहीं हो सका। लोगों ने बताया कि बिल्डर ने 2012 में प्रोजेक्ट लॉन्च किया तथा 2015 तक पजेशन देने का वायदा किया। 2018 में बायर्स ने एनसीएलटी में केस डाला, लेकिन केस अभी तक विचाराधीन है। बिल्डर ने प्रोजेक्ट में 1500 फ्लैट्स बनाकर देने का वायदा किया था जिसमें से करीब 850 बायर्स ने फ्लैट खरीदे हुए है।
लोगों के मुताबिक बिल्डर की ओर से यहां फ्लैट्स की कीमत करीब 35 से 40 लाख रुपए रखी गई थी, जिसमें फ्लैट्स के लिए करीब 80 से 85 प्रतिशत लोग भुगतान कर चुके है। लोगों ने बैंक लोन लेकर, कर्ज लेकर तथा मेहनत की गाढ़ी कमाई देकर फ्लैट खरीदे थे, लेकिन बिल्डर की ओर से लोगों को पजेशन नहीं दिया गया, ऐसे में लोग अपने आप को ठगा हुआ समझ रहे हैं।
क्या कहना है लोगों का
बैंक लोन लेकर फ्लैट बुकिंग कराई थी। यही नही फ्लैट के लिए बिल्डर को 27 लाख पेमेंट भी कर दी। उसके बाद जब पजेशन लेने का समय आया तो बिल्डर ने अपने आप को दिवालिया घोषित कर दिया। अभी भी बैंक की किस्त दे रहे है। ऐसे में ना सरकार हमारी मदद कर रही है और ना ही एनसीएलटी कोर्ट से कोई राहत मिली है।
-संजीव कसाना, फ्लैट खरीददार।
बिल्डर ने दो साल में पजेशन देने का वायदा किया। अब दस साल बीत गए है, ना फ्लैट मिला, ना ही पजेशन मिला और ना ही बिल्डर पर कोई कार्यवाही हुई। ऐसे में हमारी जिदंगी की गाढ़ी कमाई डूबती नजर आ रही है। इसलिए हम चाहते है कि सरकार इस मामले में संज्ञान ले और एक कमेटी गठित कर बिल्डर के खिलाफ जांच कवाकर जल्द से जल्द फ्लैट बनवाकर हमें हमारा पजेशन दें।
-गोपचंद शर्मा, फ्लैट खरीददार।