Palwal/Alive News: चौ. चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार के अंर्तगत कृषि विज्ञान केन्द्र मंडकौला द्वारा कौशल विकास द्वारा उद्यमिता विकास और ग्रामीण महिलाओं को स्वावलंबन की ओर अग्रसर करने के लिए फल-सब्जी प्रसंस्करण एवं अचार बनाने विषय पर 15-20 नवम्बर तक पांच दिवसीय व्यवसायिक प्रशिक्षण आयोजित किए जा रहे हैं।
यह कार्यक्रम आगामी 20 नवंबर 2021 तक चलाया जाएगा। इस कार्यक्रम में 30 महिलाओं का चयन किया गया है। केन्द्र के वरिष्ठ संयोजक डा. धर्मवीर पाठक ने कहा कि महिलाएं फल-सब्जी प्रसंस्करण को बतौर स्वरोजगार अपनाकर आय उपार्जन कर स्वावलंबी बन सकती हैं।
स्वरोजगार आरम्भ करने के लिए प्रतिभागियों को स्वरोजगार सहायता सामग्री योजना के तहत इस केन्द्र द्वारा विश्वविद्यालय के नियमानुसार मुहैया कराई जाती है। उन्होने कहा कि फल-सब्जी के पौष्टिक खाद्य उत्पाद बनाने के बाद भंडारण के दौरान अनेक सूक्ष्मजीव जैसे फफूंदी, बैक्टीरिया, मोल्ड आदि इन्हें खराब कर देते हैं।
जिनसे बचाने के लिए उपयुक्त मात्रा में सिफारिश किए गए परिरक्षकों का प्रयोग करना चाहिए और प्रसंस्करण के दौरान संक्रमण से बचाने के लिए साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए। विज्ञान केन्द्र के प्रमुख विस्तार विशेषज्ञ (बागवानी) एवं कार्यक्रम के संयोजक डा. रणबीर सैनी ने कहा कि फल-सब्जियों का संतुलित मानव आहार में विशेष महत्व है।
इसलिए पौष्टिकताविदों के मत अनुसार एक व्यस्क के दैनिक आहर में प्रतिदिन कम से कम 120 ग्राम फल व 300 ग्राम सब्जियां शामिल होनी चाहिए। उन्होंने महिलाओं को आंवले का मुरब्बा बनाने के लिए प्रिंकिंग की मैनुअल व मशीन द्वारा विधि प्रदशित की तथा आंवले का मुरब्बा और कैंडी बनाने सिखाए।