November 22, 2024

शिक्षा विभाग ने पीपीपी सत्यापन के कार्यों में लगे शिक्षकों को हटा कॉलेज प्राध्यापकों की लगाई ड्यूटी

Chandigarh Alive News: एक तरफ हरियाणा के स्कूलों व कालेजों में परीक्षाएं शुरू होने जा रही हैं, दूसरी तरफ सरकार ने अध्यापकों व प्राध्यापकों को गैर शैक्षणिक कार्यों में लगा दिया है। अध्यापकों की परिवार पहचान पत्र पीपीपी सत्यापन के लिए ड्यूटियां लगाए जाने के बाद बुधवार को उच्चतर शिक्षा विभाग के निदेशक ने एक पत्र जारी करके काॅलेज प्राध्यापकों को भी इस काम में लगा दिया है।

इम्तिहान के दिनों में शिक्षा विभाग द्वारा यह कार्य सौंपने को लेकर अध्यापक संगठनों ने विरोध भी शुरू कर दिया है। प्रदेश में शिक्षकों की कमी पहले से है। राज्य की सभी डाइट में अध्यापकों के योगा कैंप चल रहे हैं। हरियाणा स्कूल लेक्चरर्ज एसोसिएशन (हसला) ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल को पत्र लिखकर पढ़ाई के दिनों में शिक्षकों की ड्यूटी परिवार पहचान पत्र से संबंधित शिविरों में लगने पर रोष जाहिर करते हुए तुरंत प्रभाव से ड्यूटी हटाने की मांग की है।

शिक्षा विभाग द्वारा पिछले सप्ताह स्कूली अध्यापकों की पीपीपी वैरीफिकेशन के लिए ड्यूटी लगाई गई थी। इस बीच, बुधवार को उच्च शिक्षा विभाग ने प्रदेश के सभी कालेज प्रिंसिपल को एक पत्र जारी करके काॅलेज स्टाफ की ड्यूटी विद्यार्थियों का पीपीपी पर डाटा अपडेट करने के लिए लगाई है। सरकार ने सभी कालेजों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों का डाटा 31 दिसंबर तक पीपीपी के साथ लिंक करने के निर्देश जारी किए हैं।

इसके चलते कालेज प्राध्यापकों को निर्देश जारी किए गए हैं कि वह परिवार पहचान पत्र में विद्यार्थियों के परिजनों का कारोबार, जन्म तिथि, वार्षिक आय आदि के बारे में वास्तविक जानकारी क्रिड विभाग के पोर्टल पर अपलोड करें। इसके लिए कालेज एनएसएस वालंटियरों, यूथ रैडक्रास क्लबों व अन्य संगठनों की मदद ले सकते हैं। इसके अलावा, अगर जरूरत पड़ती है तो कालेज प्रबंधक घर-घर जाकर भी डाटा वेरीफाई करवाने की व्यवस्था करवाएंगे।

इस बीच शिक्षा के अधिकार अधिनियम के अनुसार शिक्षकों से चुनावों जैसे राष्ट्रीय हित के कार्यों के अलावा कोई भी गैर शैक्षणिक कार्य न लिए जाने पर जोर दिया गया है। वहीं, सरकार विभिन्न गैर शैक्षणिक कार्यों में शिक्षकों को निरंतर झोंक रही है। हाल ही में पूरे हरियाणा में शिक्षकों को परिवार पहचान पत्र की आय सत्यापन जैसे कार्यों में विभिन्न शिविरों के माध्यम से लगाया हुआ है। यह पढ़ाई और दोहराई का वह समय है, जिसमें शिक्षकों और विद्यार्थियों को मिलकर अपना सर्वश्रेष्ठ देना होता है।