May 3, 2024

हरियाणा में फ्रेट कारिडोर के जमीन अधिग्रहण में गड़बड़ी, तीन HCS समेत नौ अफसरों पर कार्रवाई

Chandigarh/Alive News: हरियाणा में स्पेशल रेलवे प्रोजेक्ट वेस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट कारिडोर के लिए जिला पलवल में जमीन के अधिग्रहण के मामले में अनियमितताएं उजागर हुई हैं। फरीदाबाद के मंडलायुक्त की रिपोर्ट के आधार पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने तीन एचसीएस अधिकारियों और छह अन्य अफसरों व कर्मचारियों के विरुद्ध कार्रवाई की मंजूरी प्रदान कर दी है। मंडलायुक्त की रिपोर्ट का अध्ययन करने के बाद वित्तायुक्त एवं राजस्व व आपदा प्रबंधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजीव कौशल ने इन अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

हरियाणा सरकार ने जिला पलवल में भूमि अधिग्रहण के दौरान अनियमितताओं के चलते एचसीएस कंवर सिंह, जितेंद्र कुमार और डा. नरेश को आरोपित माना है। इन अधिकारियों पर आरोप है कि उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान भूमि अधिग्रहण में अनियमितताएं बरती हैं।

परियोजना के भूमि अधिग्रहण के दौरान रीडर, रजिस्ट्रेशन क्लर्क, डाटा एंट्री आपरेटर के साथ-साथ पटवारियों के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने के आदेश दिए गए हैं। तत्कालीन एसडीएण कंवर सिंह को हरियाणा सिविल सेवा (दंड और अपील) नियम सात के तहत चार्जशीट करने की सिफारिश की गई हैं। एचसीएस जितेंद्र कुमार-चतुर्थ और डा. नरेश से पहले स्पष्टीकरण मांगा गया। उसके बाद उनके स्पष्टीकरण से संतुष्ट नहीं होने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश की गई हैं।

जमीन अधिग्रहण मामले में गड़बड़ी के चलते प्रदीप देसवाल, अशोक कुमार, एस रोहताश व प्रेम प्रकाश से स्पष्टीकरण मांगा गया हैं। यह सभी सब-रजिस्ट्रार और ज्वाइंट सब-रजिस्ट्रार हैं, क्योंकि यह मामला रेलवे अधिनियम 1989 की धारा 20ए के तहत अधिसूचना जारी होने के बाद डीड्स के पंजीकरण से संबंधित है। जमीन के बहुत छोटे हिस्सों के डीड्स पंजीकरण में भी काफी गड़बड़ी सामने आई है। पंजीकरण लिपिकों, डाटा एंट्री आपरेटरों और रीडरों के संबंध में मंडल आयुक्त और पलवल के डीसी को कानून के अनुसार उचित अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के आदेश जारी कर दिए गए हैं।

रेलवे अधिकारियों की अनिमितताओं संबंधी भूमिका के बारे में स्पष्टीकरण मांगा गया है। साथ ही सरकार ने इस पूरे मामले को भारतीय रेलवे के अधिकारियों के ध्यान में लाने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। हरियाणा राजस्व पटवारियों (ग्रुप सी) नियम 2011 के अनुसार अधिग्रहण संबंधी प्रक्रिया में केवल योग्य पटवारियों को नियुक्त करने के लिए रेलवे अधिकारियों के साथ-साथ राज्य में उपायुक्तों को स्पष्ट निर्देश जारी किए गए हैं।

भविष्य में उन अधिकारियों को ही इस काम में लगाया जाएगा, जिन्होंने पटवारियों की परीक्षा उत्तीर्ण की है और 18 महीने का प्रशिक्षण प्राप्त किया है। भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया के दौरान ऐसे मामले भी सामने आए हैं, जिनमें कई पटवारियों और अन्य अधिकारियों ने स्वयं तथा अपने रिश्तेदारों के माध्यम से अधिग्रहित भूमि का काफी हिस्सा खरीद लिया। इन अफसरों ने सरकार को इस परियोजना के तहत भारी नुकसान पहुंचाया है।