April 25, 2024

जमाई कॉलोनी और गुरुकुल इंद्रप्रस्थ कॉलोनी में बुधवार को हो सकती है तोड़फोड़ की कार्यवाही

Faridabad/Alive News : अरावली वन क्षेत्र में अवैध रूप से बसी जमाई कॉलोनी और गुरुकुल इंद्रप्रस्थ कॉलोनी पर बुधवार को नगर निगम का पीला पंजा चल सकता है। इसके लिए नगर निगम ने सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। इसके अलावा कार्रवाई के लिए प्रशासन की ओर से ड्यूटी मजिस्ट्रेट पहले ही नियुक्त किए जा चुके हैं। पुलिस बल की तैनाती भी की जा चुकी है।

साथ ही पुलिस और निगम प्रशासन द्वारा लगातार लोगों को घर खाली करने के आदेश दिए जा रहे हैं। कुछ लोगों ने मकान टूटने के डर से अपने घरों को खाली करना भी शुरू कर दिया हैं। ऐसे में बुधवार से जमाई कॉलोनी और गुरुकुल इंद्रप्रस्थ कॉलोनी में तोड़फोड़ की कार्रवाई तय मानी जा रही है। खोरी में तोड़फोड़ की कार्रवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने अरावली में बने हर प्रकार के निर्माणों को ढहाये जाने के आदेश दिए थे। इसमें फार्म हाउस, होटल, शिक्षण संस्थान, सोसाइटियां व कॉलोनियां शामिल हैं। एक माह में करीब नौ फार्म हाउसों में खानापूर्ति की तोड़फोड़ कार्रवाई करने के बाद अब नगर निगम ने अरावली में बसे जमाई कॉलोनी को आगे की तोड़फोड़ कार्यवाही के लिए चुना है।

बता दें, कि नगर निगम की ओर से कॉलोनी में एक सप्ताह पहले जगह-जगह नोटिस चस्पा कर दिए गए थे। नोटिस के माध्यम से लोगों से अपील की है कि अपने मकानों व दुकानों को खाली कर लें नहीं तो नगर निगम जब कार्रवाई करेगा तो तोड़फोड़ का सारा खर्चा संबंधित व्यक्ति से वसूल किया जाएगा। कार्रवाई के लिए एक से 10 सितंबर तक की तिथि निर्धारित की गई है। अधिकारियों का कहना है कि मौसम यदि साफ रहा तो तोड़फोड़ कार्रवाई दोनों कॉलोनियों में जा सकती है।

तोड़फोड़ कार्रवाई से पूर्व उपायुक्त जितेंद्र यादव की ओर से ड्यूटी मजिस्ट्रेट नियुक्त किए गए है और आदेश के अनुसार नगर निगम के कार्यकारी अभियंता जीपी वधवा, श्याम सिंह, मनोज कुमार, नितिन कादियान, एसडीओ विनोद मित्तल, अमित चौधरी, सुरेंद्र हुडडा, जगदीश अरोड़ा, खेमचंद, वीरेंद्र पाहिल, नरेंद्र कुमार एवं विनोद सिंह को तोड़फोड़ के दौरान ड्यूटी मजिस्ट्रेट के तौर पर जिम्मेदारी सौंपी है।

लोगों को पहले मिले पुनर्वास की सुविधा
मिली जानकारी के अनुसार मंगलवार को कांग्रेसी नेता विजय प्रताप जमाई कॉलोनी पहुंचे और पीड़ितों को हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया। उन्होंने सरकार से लोगों को उजाड़ने से पहले पुनर्वास की व्यवस्था करने की मांग की। उन्होंने कहा कि प्रशासन पहले कॉलोनी की पैमाइश कराए क्योंकि कॉलोनी का ज्यादातर हिस्सा बड़खल गांव का गैर मुमकिन पहाड़ है, जिस पर हाई कोर्ट ने गांव वालों के पक्ष में स्टे ऑर्डर किया हुआ है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में अपील की जाएगी कि ये वन विभाग की जमीन नहीं है। जल्द ही कॉलोनीवासियों का एक प्रतिनिधिमंडल सरकार से मिले और तोड़फोड़ से पहले पैमाइश कराने की मांग करें।