November 17, 2024

हांगकांग से बिहार आयी बहु ने सास के बीमार पड़ने पर छठ में निभाया फर्ज

Bihar/Alive News: छठ महापर्व 2023 अब बिहार ही नहीं बल्कि विश्व के कई अन्य हिस्सों में भी मनाया जाता है। बिहार के प्रवासी लोग छठ पर्व के लिए अपने घर जरूर लौटते हैं। उन्हें इस दिन का बेसब्री से इंतजार रहता है। विदेशों मेंभी अब छठ पूजा की धूम देखी जाती है। इंग्लैंड मेंबिहार-झारखंड के चार सौ परिवार एक साथ अर्घ देंगे। जबकि 20 वर्षों सेहांगकांग मेंरहनेवाली एक बहू छठ पूजा करनेके लिए बिहार आयी है। खगड़िया की बहू शिवानी सिंह की सभी तारीफ कर रहेहैं. अपनी सास की सेहत खराब होने की जानकारी मिलतेही उन्होंनेव्रत का भार अपने ऊपर लेलिया। शिवानी सिंह नेखरना का प्रसाद बनाया और सबके बीच वितरण किया।

बिहार के प्रवासी लोग छठ पर्व के लिए अपनेघर जरूर लौटते हैं। उन्हें इस दिन का बेसब्री से इंतजार रहता है। विदेशों मेंभी अब छठ पूजा की धूम देखी जाती है। इंग्लैंड मेंबिहार-झारखंड के चार सौ परिवार एक साथ अर्घ देंगे। जबकि 20 वर्षों सेहांगकांग मेंरहनेवाली एक बहू छठ पूजा करनेके लिए बिहार आयी है। खगड़िया की बहू शिवानी सिंह की सभी तारीफ कर रहेहैं. अपनी सास की सेहत खराब होने की जानकारी मिलतेही उन्होंनेव्रत का भार अपने ऊपर लेलिया। शिवानी सिंह नेखरना का प्रसाद बनाया और सबके बीच वितरण किया।

20 वर्षों सेहांगकांग में रहने वाली एक बहू छठ पूजा करनेके लिए 17 नवंबर को घर पहुंच गयी। छठ मैया के प्रति आस्था और परिवार के सदस्यों के प्रति प्रेम हैं, जो कि हांगकांग सेजिलेके परबत्ता प्रखंड अंतर्गत सियादतपुर अगुवा गु नी पंचायत के अगुआगु नी गांव तक का सफर शिवानी सिंह अकेलेही तय कर ली. बताया जाता हैकि अगुआगु नी गांव निवासी शिवानी के पति प्रवीण कुमार सिंह हांगकांग मेंसॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं। काम की व्यस्तता व बच्चेके एग्जाम की वजह उनके पति व बच्चे 19 को पहुंचेंगे. ऐसेमेंशिवानी अकेलेही आनेका फैसला लिया।

बताया जाता हैकि बीतेवर्षइंजीनियर की मां नेअपनेबेटे सेमहज इतना कहा था कि स्वास्थ्य कारणों सेवह अब छठ पूजा नहीं कर पायेगी और इस बार वह छठ पूजा बैठा लेंगी. बस इतना सुन आगेछठ पूजा करनेकी जिम्मेदारी लेनेबहू हांगकांग सेखगड़िया पहुंच गयी. शिवानी सिंह सासूमांके बदलेस्वयं छठ कर रहीं हैं. शिवानी इस परंपरा का निर्वहन करनेका संकल्प लेचुकी है. जानकारी के अनुसार शिवानी अपनेपति के साथ पिछले 20 सालों सेहांगकांग मेंरह रही है. इस बीच उन्हेंमात्र 2 से 3 बार छठ पर्वके अवसर पर ससुराल आनेका मौका मिला. बताया जाता हैकि 67 वर्षीय उनकी सासूमांरूपा सिंह 32 साल पहलेअपने सास योगमाया देवी से छठ करनेका संकल्प लिया था।

महापर्वछठ की तैयारी विदेशों मेंभी देखी जा रही है. महीनों से लोग इस पर्व की तैयारी में जुटे हैं. दरअसल, झारखंड- बिहार के लोग इंग्लैंड के सीड्स शहर में ”बिहारीज बियॉन्ड बॉउंड्रीज ग्रुपग्रु” के सौजन्य सेछठ पूजा का आयोजन करते है। इस बार वहां, मौजूद मंदिर को भव्य रूप सेसजाया गया है. बता दें कि, इस बार बिहार और झारखंड के करीब 400 परिवार एक ही जगह जुट रहे हैं। वे सभी एक साथ भगवान सूर्यको अर्घदेनेकी तैयारी में है। बिहारझारखंड मेंचार दिवसीय छठ की परंपरा की तरह ही वहां भी पूजा की शुरुआत नहाय-खाय सेशुरू हो रही है. बोकारो सेताल्लुक रखने वाले संस्था के संयोजक अजय कुमार बतातेहैंकि वर्ष 2022 से लोग पूजा कर रहे हैं।

पटना, भागलपुर नवादा व बिहार के अन्य जिलेके आइटी प्रोफेशनल्स भी विदेशों मेंमिल जुलकर छठ महापर्वकर रहेहैं. लोकआस्था के इस महापर्वछठ को मनानेकी परंपरा को वो घर सेदूर विदेश मेंरहकर भी नहीं भूले. यूरोपीय देश स्कॉटलैंड के एडिनबर्ग शहर मेंबिहार के 75 सेअधिक परिवार धूमधाम सेछठपर्वमना रहेहैं. एडिनबर्गमेंरह रहेप्रवासी बिहारियों नेप्रभात खबर को बताया कि समुद्रतट पर अर्घके लिए सभी 75 परिवारों का जुटान होगा. 17 नवंबर सेनहाय खाय के अनुष्ठान के साथ छठपर्व का शुभारंभ हुआ. एडिनबर्ग में छठ पर्व मनाने की तैयारी में भागलपुर के मानिक सरकार बैंक कॉलोनी निवासी दंपति स्वयं प्रकाश व अनिमा तिवारी भी लगे हुए हैं।