May 4, 2024

बजट : लग्जरी गाड़ियों की कीमतों में ज्यादा बढ़ोतरी की आशंका

New Delhi/Alive News : वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इस बार के बजट में मेक इन इंडिया पर फोकस किया है. इसके लिए सरकार ने घरेलू स्तर पर मैन्युफैक्चर‍िंग को बढ़ावा देने के साथ ही स्थानीय कंपनियों को बढ़ावा देने पर जोर दिया है. हालांकि सरकार की इस कोश‍िश के चलते लग्जरी गाड़ियों की कीमतों में काफी ज्यादा बढ़ोतरी होने की आशंका है.

दरअसल वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इस बार सीकेडी (completely knocked down) मॉडल के आयात पर कस्टम ड्यूटी बढ़ा दी है. इसके साथ ही इन कारों पर सामाजिक सुरक्षा सरचार्ज भी लगा दिया है. इसकी वजह से मर्सडीज, ऑडी समेत अन्य कारों की कीमतों में 10 लाख रुपये तक का इजाफा हो सकता है.

वित्त मंत्री ने सीकेडी मॉडल आयात के मोटर व्हीकल, मोटर कार, मोटर साइकिल के मॉडल्स पर कस्टम ड्यूटी 10 फीसदी से बढ़ाकर 15 फीसदी कर दिया है. इसके अलावा सरकार ने आयातित उत्पादों पर सामाजिक सुरक्षा सरचार्ज भी 10 फीसदी कर दिया है. इस बदलाव को देखते हुए जर्मन लग्जरी कार मेकर ऑडी ने कहा है कि A3 से लेकर R8 मॉडल की कीमतों में 1.5 लाख से 10 लाख रुपये तक की बढ़ोतरी हो सकती है.

ऑडी इंडिया के प्रमुख राहिल अंसारी ने कहा कि इस वर्ष का आम बजट ऑटो मेकर्स को काफी निराश करने वाला है. उन्होंने कहा कि कस्टम ड्यूटी में बढ़ोतरी और एजुकेशन सेस की बजाय सामाजिक सुरक्षा सरचार्ज की घोषणा करने से कीमतें बढ़ना तय है.

अंसारी ने कहा कि जीएसटी के बाद ऑटो बाजार बड़ी मुश्किल से स्थ‍िर होना शुरू हुआ था, लेकिन बजट ने फिर इसे अस्थ‍िर करने का काम किया है. बजट में लग्जरी ऑटो इंडस्ट्री पर कोई फोकस नहीं किया गया है.

वहीं, मर्सडीज बेंज इंडिया के एमडी और सीईओ रोलंड फोल्गर ने ऑटो पार्ट्स, एक्सेसरीज और सीकेडी कंपोनेंट्स पर कस्टम ड्यूटी बढ़ाने और सामाजिक सुरक्षा सेस लगाने को काफी हतोत्साहित करने वाला कदम बताया है.

बता दें कि सरकार ने मोटर व्हीकल, मोटर कार, मोटर साइक‍िल पर कस्टम ड्यूटी 7.5 फीसदी से बढ़ाकर 15 फीसद कर दिया है. इसके अलावा ट्रक और बस रेडियल टायरों पर भी इंपोर्ट ड्यूटी 10 से 15 फीसदी कर दिया गया है.

क्या होता है CKD?

सीकेडी अथवा completely knocked down वो मॉडल होते हैं, जिन्हें असेंबल कर तैयार किया जाता है. कार के मामले में यह ऐसे होता है कि कार के कुछ पार्ट्स किसी अन्य देश में तैयार किए जाते हैं और फिर उन्हें कार का रूप देने के लिए दूसरे देश में निर्यात किया जाता है.