Faridabad/Alive News: विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय की ख्याति पूर्वोत्तर तक पहुंच गई है। असम विधानसभा के स्पीकर बिस्वजीत दैमारी विश्वविद्यालय का भ्रमण करने और एकीकृत दोहरे शिक्षा मॉडल को समझने दुधौला परिसर पहुंचे। उन्होंने विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय में स्थापित विश्व स्तरीय लैब देखे और निकट भविष्य में असम के प्रतिनिधिमंडल को विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय में भेजने की घोषणा की। दैमारी ने कहा कि विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय स्किल एजुकेशन के क्षेत्र में देश के लिए रॉल मॉडल की भूमिका निभाएगा। इस शानदार उपलब्धि के लिए उन्होने विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के कुलपति राज नेहरू के विजन और नेतृत्व की सराहना की।
दैमारी ने विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय महत्व के संस्थान का दर्जा देने की पैरवी भी की। कुलपति राज नेहरू द्वारा दोहरे एकीकृत शिक्षा मॉडल पर किए जा रहे काम की असम विधानसभा के स्पीकर बिस्वजीत दैमारी ने मुक्त कंठ से प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि देश को जिस एजुकेशन मॉडल की जरूरत है, वह विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय में क्रियान्वित हो चुका है। अब देश के दूसरे हिस्सों में भी इस दोहरे मॉडल पर काम करने की जरूरत है। यह भारत का पहला कौशल विश्वविद्यालय है और जिस तरह से इसकी प्रगति है, वह पूरे देश के कौशल विकास का पथ प्रदर्शक होगा।