May 19, 2024

अम्मा ने नहीं छोड़ी वसीयत, करोड़ों की संपत्ति का कौन होगा वारिस

Chennai/Alive News : पिछले 25 सालों से चेन्नई स्थित नंबर 81, वेदा निलायम, पोस गार्डन में राजनीतिक ताकत विराजमान थी, पर मंगलवार को मुख्यमंत्री जे जयललिता के अंतिम संस्कार के बाद 24,000 स्क्वायर फीट में फैले बंगले को लेकर एक सवाल खड़ा हो गया है। क्योंकि अभी तक अम्मा द्वारा बनाई गई किसी वसीयत का पता नहीं चला है। रियल एस्टेट एक्सपर्ट द्वारा इस बंगले की कीमत 90 करोड़ आंकी गयी है।

अम्मा के बंगले का उत्तराधिकारी…
अब देखना है कि 90 करोड़ रुपये के जयललिता के बंगले ‘वेदा निलायम’ में अब भी उनकी करीबी मित्र शशिकला रहेंगी या अम्मा की संपत्ति पर उनकी भतीजी दीपा जयाकुमार और उनके भतीजे दीपक अपना दावा करेंगे। या इतिहास खुद को दोहराएगा जैसा की जया के गुरु एमजी रामचंद्रन की मृत्यु के दशकों बाद तक चेन्नई के रामापुरम स्थित उनके घर पर कानूनी विवाद चलता रहा। अंतिम संस्कार के बाद शशिकला कार से वापस वेदा निलायम आ गयीं।

एमजीआर ने छोड़ी थी वसीयत
हालांकि एमजीआर ने एक वसीयत छोड़ी थी और उसके पालन के लिए एक व्यक्ति की नियुक्ति का भी जिक्र था। बावजूद इसके उनकी संपत्तियां कानूनी विवादों में उलझकर रह गईं और दो दशक की कानूनी लड़ाई के बाद मद्रास हाई कोर्ट ने हाल ही में रामचंद्रन की जायदाद के लिए एक पूर्व जज को प्रशासक बनाया है।

जयललिता की मां ने खरीदा था बंगला
जयललिता और उनकी मां संध्या ने वर्ष 1967 में 1.32 लाख रुपये में पोस गार्डन की संपत्ति को खरीदा था। कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि जया की भतीजी और भतीजा इसपर अपना दावा कर सकते हैं, क्योंकि यह संपत्ति उनकी दादी ने खरीदी थी।

अम्मा की कुल संपत्ति
चेन्नई के घर के अलावा अम्मा ने 80 करोड़ से अधिक कीमत की संपत्ति जमा की थी। इस साल के विधानसभा चुनाव में दिए गए अपने हलफनामे में उन्होंने 118.58 करोड़ की संपत्ति का खुलासा किया था। उन्होंने हैदराबाद के निकट खेती की 14.5 एकड़ जमीन को दिखाया था। लेकिन पोस गार्डन के बंगले व विरासत में मिले गहने को स्पेशल कोर्ट ने आय से अधिक संपत्ति करार दिया।

जयललिता का बैंक बैलेंस भी काफी अधिक है। उन्होंने कई बैंकों में 10.63 करोड़ रुपये और 3 करोड़ के मूल्य की 1,250 किलो चांदी को जमा किया हुआ है। इसमें कोर्ट द्वारा जब्त सोने और चांदी के गहने शामिल नहीं हैं। सुप्रीम कोर्ट में यह मामला लंबित है जिसपर अदालत ने 7 जून को अपना फैसला सुरक्षित रखा था।