Faridabad/Alive News: टैक्स की मार झेल रहे उद्योगपतियों को 2023 के बजट से काफी उम्मीद है। उद्यमियों ने बैंक ट्रांजेक्शन और जीएसटी कम करने के साथ सस्ती और पर्याप्त बिजली मिलने की उम्मीद जताई हैं। वहीं, कुछ उद्यमियों ने वित्त मंत्री से औद्योगिक इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने की भी मांग की है।
दरअसल, मौजूदा वक्त में उद्योग लगाना उद्योगपतियों के लिए बहुत टेढ़ी खीर साबित हो रहा है। उद्योग लगाने के लिए दस्तावेज बनवाने में इतनी कठिनाई होती है कि उद्योगपति और व्यापारी उद्योग शुरू करने से पहले ही पूरी तरह से हताश हो जाता है। इसे सरल करने के साथ उद्योगपतियों ने रियल स्टेट में भी बड़ी रियायत की मांग की है। उद्योगपतियों का कहना है कि हर अलग-अलग राज्य में जमीन की रजिस्ट्री में अलग-अलग टैक्स लगाया जाता है। केंद्र सरकार को सभी राज्यों में रजिस्ट्री पर लगने वाले टैक्स में एकरूपता लानी चाहिए। क्योंकि रियल स्टेट ही एक ऐसा सेक्टर है जो सरकार को सबसे ज्यादा टैक्स देता है।
क्या कहना है उद्योगपतियों का
सरकार को डिजिटल लेनदेन करने वाले उद्योगपतियों को प्रोत्साहन राशि देनी चाहिए। साथ ही टैक्सेस में सरकार को सरलीकरण करना चाहिए, ताकि उद्योगपति अपना व्यापार आसानी से कर सके। उद्योग और रोजगार को बढ़ाने के लिए सरकार को बजट में नई- नई योजनाएं लानी चाहिए। जिससे कि छोटे व्यापारियों को भी लाभ मिल सके।
- चेतन बघेल, उद्योगपति- जय हिंद ऑटो टैक इंडस्ट्रीज।
टोल नाकों पर लगने वाले टैक्स को कम करना चाहिए। सरकार को पेट्रोल पर लगने वाले टैक्स और वेट को जीएसटी के दायरे में लाकर डीजल पेट्रोल में रियायत लानी चाहिए। इसके अलावा ज्यादा टैक्स अदा करने वाले उद्योगपतियों को सरकार को कोई एक नई गारंटी भी देनी चाहिए, ताकि यदि किसी कारणवश उद्योगपति को हानि होती है तो उनके पास आगे बढ़ने की गारंटी रहे।
- अरूण बजाज, उद्योगपति एंव पूर्व प्रधान-लघु उद्योग भारती।