Faridabad/Alive News : फरीदाबाद के विभिन्न सरकारी विभागों के साथ पिछले सप्ताह हुई समन्वय बैठक में एफएमडीए के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने निर्देश दिए थे कि शहर में रासायनिक अपशिष्ट उपचार संयंत्रों (सीईटीपी) की स्थापना के अध्ययन का काम, जो फरीदाबाद नगर निगम (एमसीएफ) द्वारा भारत सरकार के सार्वजनिक उपक्रम वैपकॉस को सौंपा गया है, सीपीसी की बैठक में प्रस्तुत किया जाए। इसी क्रम में फरीदाबाद मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी (एफएमडीए) की 15वीं कोर प्लानिंग सेल बैठक, एफएमडीए के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुधीर राजपाल की अध्यक्षता में आयोजित की गई। जिसमें वाप्कोस द्वारा बनाई जा रहा सीवेज इंफ्रास्ट्रक्चर विकास योजना पर एक प्रस्तुति एफएमडीए, एमसीएफ, एचएसवीपी और एचएसआईआईडीसी के संबंधित अधिकारियों को प्रस्तुत की गई, जिन्होंने फरीदाबाद में व्यापक सीवरेज प्रणाली विश्लेषण पर चर्चा करने के लिए बैठक में भाग लिया।
वाप्कोस द्वारा 25 हजार उद्योगों में उनके औद्योगिक निर्वहन की क्षमता का अध्ययन करने के लिए एक सर्वेक्षण किया गया था। इसके अलावा उनके औद्योगिक डिस्चार्ज के नमूने एकत्र किए गए और आईआईटी रूरकी द्वारा अध्ययन किया गया। निष्कर्षों और महत्वपूर्ण मापदंडों के आधार पर शहर की सीवेज प्रणाली को मजबूत करने और निर्माण की संभावित आवश्यकता को समझने के लिए एक प्रारूप तैयार किया गया और प्रस्तुत किया गया। घरेलू और रासायनिक निर्वहन को अलग करने, इन उद्योगों द्वारा अनुमानित निर्वहन की क्षमता, इन अपशिष्टों के उपचार के लिए रासायनिक अपशिष्ट उपचार संयंत्रों (सीईटीपी) की स्थापना, भूमि के आवंटन, परिचालन लागत आदि सं संबंधित पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की गई।
एफएमडीए के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुधीर राजपाल ने कहा कि फरीदाबाद में सीईटीपी (रसायन अपशिष्ट उपचार संयंत्र) की स्थापना को उच्च प्राथमिकता दी जा रही है। क्योंकि उद्योगों से अनुपचारित अपशिष्ट जल का निर्वहन शहर में नालियों को और अधिक प्रदूषित कर रहा है। इन उद्योगों द्वारा घरेलू और रासायनिक निर्वहन के उपचार के लिए प्रतापगढ़ में 50 एमएलडी सीईटीपी, मिर्जापुर में 25 एमएलडी सीईटीपी और बादशाहपुर में 15 एमएलडी सीईटीपी का निर्माण किया जा रहा है। इसके अलावा, विभिन्न कलोनियों में शहर भर के विभिन्न नालों में अपना कचरा और अनुपचारित सीवेज की डंपिंग भी की जा रही है, जिसके लिए चार सीवेज शोधन संयंत्रों का भी प्रस्ताव किया गया है।