November 18, 2024

ज्ञानवापी मामला : पूर्व कमिश्नर ने कोर्ट में सौंपी रिपोर्ट, किया देवी देवताओं के अवशेष मिलने का दावा

Lucknow/Alive News : देश में ज्ञानवापी का मुद्दा गर्माता जा रहा है। ज्ञानवापी में स्तिथ शृंगार गौरी की नियमित पूजा अर्चना और अन्य विग्रहों के संरक्षण की मांग पर छह और सात मई को हुई कमीशन की कार्यवाही की रिपोर्ट बुधवार को तत्कालीन अधिवक्ता ने सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में दाखिल कर दी है। रिपोर्ट के अनुसार ज्ञानवापी मस्जिद की पिछली दीवार पर शेषनाग और देवी देवताओं की कलाकृति की फोटो और वीडियोग्राफी कराई गई। इसमें दीवार के उत्तर से पश्चिम की ओर शिलापट्ट पर सिंदूरी रंग की उभरी हुई कलाकृति है।

मिली जानकारी के अनुसार दो पेज की रिपोर्ट में तत्कालीन अधिवक्ता आयुक्त ने न्यायालय को बताया कि छह मई को हुई जांच में चौथी आकृति मूर्ति के रूप में प्रतीत हो रही है और उस पर सिंदूर का मोटा लेप लगा हुआ है। इसके आगे दीपक जलाने के उपयोग में लाया गया त्रिकोणीय ताखा (गंउखा) में फूल रखे हुए थे। पूर्व दिशा में बैरिकेडिंग के अंदर व मस्जिद की पश्चिम दीवार के बीच मलबे का ढेर पड़ा है। यह शिलापट्ट भी उन्हीं का हिस्सा प्रतीत हो रहा है।

जिसके बाद सात मई को शुरू हुई कमीशन की कार्यवाही एक पक्षकार अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी की गैरमौजूदगी में शुरू हुई। कार्यवाही के दौरान विवादित पश्चिमी दीवार की तरफ सिंदूर लगी तीन कलाकृतियों का पत्थर और चौखट को शृंगार गौरी का प्रतीक मानकर पूजे जाने के सवाल पर वादी पक्षों ने बताया मौके पर बताया था कि बैरिकेडिंग के अंदर स्थित उनके मुख्य मंदिर व अवशेष तक जाना प्रतिबंधित है। 

तत्कालीन अधिवक्ता आयुक्त अजय कुमार ने सात मई को हुई कमीशन की कार्यवाही में प्रतिवादी प्रदेश सरकार, जिलाधिकारी व पुलिस आयुक्त्त पर असहयोग का आरोप लगाया है। उन्होंने लिखा है कि सात मई को 100 से ज्यादा मुस्लिम पक्ष बैरिकेड के दूसरी तरफ मौजूद थे, उनके इकट्ठा होने के बाद शासन व पुलिस ने आगे की कार्यवाही में सहयोग करने पर असमर्थता जाहिर की। इसके कारण कमीशन की कार्यवाही मुकम्मल रूप से नहीं की जा सकी।