New Delhi/Alive News: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जनऔषधि दिवस के मौके पर उन्होंने कहा कि जन औषधि केद्रों पर आठ सौ करोड़ रुपये की दवाएं बिकी हैं। उन्होंने कहा कि इसके तहत सरकार मध्यम वर्ग के लोगों की जेब का धन बचाकर उन्हें फायदा पहुंचाने का काम कर रहे हैं। इन केंद्र पर अब तक 21 करोड़ सैनेट्री नेपकींस बिक चुके हैं। ये एक रुपये में यहां से लिए जा सकते हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि दुनिया के कई देशों में कोरोना रोधी वैक्सीन के लिए लोगों को बड़ी कीमत चुकानी पड़ी है। लेकिन भारत ने इसको सभी को फ्री में लगाने का फैसला किया। इस पर अब तक सरकार ने तीस हजार करोड़ रुपये खर्च किए हैं। सरकार ने फैसला किया है कि आधे निजी मेडिकल कालेज में अब सरकारी मेडिकल कालेज के बराबर ही फीस लगेगी।
जन औषधि केंद्रों के मालिकों से बात कर रहे हैं। इस दौरान उन्होंने बिहार की महिला से बात कर उनसे इस बारे में जानकारी हासिल की। महिला ने बताया कि जन औषधि केंद्र से मिली दवाओं के चलते उन्हें काफी फायदा हो रहा है। ये सस्ती होने के साथ-साथ गुणवत्ता में भी अच्छी है। पीएम मोदी ने कहा कि मध्यम वर्ग की आमदनी का बड़ा हिस्सा दवाओं पर खर्च होता है। यदि दवाएं सस्ती हों तो सभी का लाभ होगा। इसलिए मध्यम वर्ग इसको आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभा सकता है।
कर्नाटक की बबीता से भी पीएम मोदी ने पूछा कि उन्हें इससे कैसे लाभ मिला। बबीता ने बताया कि वो इस योजना और इसके केंद्रों का लोगों के बीच जागरुक करती हैं। पीएम मोदी ने कहा कि वो सोशल मीडिया के जरिए इसका अधिक से अधिक प्रचार कर सकती हैं। गुजरात की उर्वशी से भी उन्होंने इसके लाभ के बारे में जानकारी हासिल की। इस मौके पर पीएम ने उनसे कहा कि वो पीएम आवास योजना का लाभ उठाने वालों के पास जाकर इस योजना के लिए उन्हें जागरुक करें।
इस कार्यक्रम में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया समेत अन्य लोग भी शामिल हैं। कार्यक्रम की शुरुआत में मांडविया ने कहा कि देश में मिलने वाली जेनेरिक दवाओं की कीमत 50-80 फीसद तक कम है और इनकी गुणवत्ता विश्व स्तर की है। पीएमओ से दी गई जानकारी के मुताबिक इस इवेंट को जन औषधि जन उपयोगी का नाम दिया गया है। इससे पहले किए गए अपने ट्वीट में पीएम मोदी ने इसको जन औषधि को मेडिसिन रिवोल्यूशन बताया था।
इस दौरान कई दूसरे इवेंट भी चलाए गए जिसमें जन औषधि संकल्प यात्रा, मैत्री शक्ति सम्मान, जन औषधि बाल मित्र, जन औषधि जन जागरण अभियान, आओ जन औषधि मित्र बनाएं और जन औषधि जन आरोग्य मेला भी शामिल है। पीएम मोदी की दूर्गामी सोच पर आगे बढ़ते हुए इन दवाओं को न सिर्फ सस्ता किया गया है बल्कि लोगों तक इनकी पहुंच बनाने की भी पूरी कोशिश की गई है।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री जन औषधि योजना की शुरुआत पीएम नरेन्द्र मोदी ने 1 जुलाई 2015 को की थी।इस योजना के तहत सरकार द्वारा उच्च गुणमवत्ता वाली जैनरिक दवाईयों के दाम बाजार मूल्य से कम कर इन्हें बेचा जाता है। इसके लिए सरकार ने जन औषधि स्टोर। सरकार की योजना इनके स्टोर्स अगले कुछ समय में बढ़ाकर दस हजार करने की है, जिससे ये हर जन को आसानी से हासिल हो सकें।