November 23, 2024

हिजाब विवादः हाई कोर्ट में नहीं निकला हल, बेंगलुरु में लगी धारा 144, अब बड़ी बेंच में होगी सुनवाई

New Delhi/Alive News: कर्नाटक में स्कूल और कॉलेजों में मुस्लिम छात्राओं के हिजाब पहनने पर जारी विवाद का हल आज भी नहीं निकल सका है। कर्नाटक हाई कोर्ट में आज लगातार दूसरे दिन इस मामले की सुनवाई हुई, लेकिन कोई फैसला नहीं आया। जस्टिस कृष्णा दीक्षित की अदालत ने इस मामले को बड़ी बेंच के समक्ष भेजने का फैसला लिया है। केस की सुनवाई कर रही बेंच ने कहा कि इस मामले को बड़ी बेंच के समक्ष भेजा जाना चाहिए।

हालांकि दोनों पक्षों ने कहा कि इस मामले को भले ही ऊपर भेजा जाए, लेकिन मामले का जल्दी ही हल निकलना चाहिए। इस बीच कर्नाटक में उडुपी, शिमोगा, बेंगलुरु समेत सभी शहरों में शांति बनी रही। बेंगलुरु प्रशासन ने छात्रों और छात्राओं से कहा है कि वे स्कूल और कॉलेज के आसपास आंदोलन नहीं कर सकते। हिजाब पहनने वाली छात्राओं का पक्ष रखने वाले वकील ने कहा कि उन्हें अपने मजहब का पालन करने दिया जाए।

हिजाब पर विवाद खड़ा करके उन्हें शिक्षा के अधिकार से वंचित करने का प्रयास किया जा रहा है। वहीं कर्नाटक सरकार के अटॉर्नी जनरल ने इसका विरोध करते हुए कहा कि स्कूलों और कॉलेजों को नियमों को लेकर स्वायत्ता है। उन्होंने कहा कि हर संस्थान को स्वायत्ता दी गई है। राज्य सरकार स्कूलों में यूनिफॉर्म को लेकर फैसला नहीं ले सकती है। छात्राओं का पक्ष रखने वाले वकील ने कहा कि जब तक हाई कोर्ट इस मसले पर निर्णय नहीं ले लेता है, तब तक के लिए उन्हें हिजाब पहनने के लिए अंतरिम राहत दी जाए।

इसका विरोध करते हुए अटॉर्नी जनरल ने कहा कि हिजाब पहनने की अनुमति नहीं दी जा सकती। इस बीच कर्नाटक सरकार ने बेंगलुरु शहर में किसी भी स्कूल, कॉलेज अथवा अन्य शिक्षण संस्थान के 200 मीटर के दायरे में कोई प्रदर्शन करने पर रोक लगा दी है। प्रशासन ने प्रदर्शनों पर रोक के लिए धारा 144 लागू की है। कर्नाटक पुलिस ने बताया कि यह फैसला अगले सप्ताह तक लागू रहेगा।

गौरतलब है कि हिजाब को लेकर विवाद कर्नाटक से बाहर निकलकर देश के अन्य हिस्सों तक पहुंच गया है। महाराष्ट्र के औरंगाबाद और बीड़ में AIMIM के नेताओं ने हिजाब के समर्थन में पोस्टर लगाए हैं। इसके अलावा प्रियंका गांधी, उमर अब्दुल्ला समेत कई अन्य नेताओं ने इस मामले को संवैधानिक आजादी से जोड़ा है। वहीं भाजपा के नेताओं का कहना है कि इस पूरे विवाद के पीछे कांग्रेस है।