November 27, 2024

आषाढ़ मास की पहली संकष्टी चतुर्थी पर इस तरह प्रथम पूज्य को करें प्रसन्न

आज 27 जून रविवार को आषाढ़ मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि है। हिन्दू पंचांग के अनुसार प्रत्येक महीने में दो चतुर्थी पड़ती है। यह दिन गणेश भगवान को समर्पित माना जाता है। भक्त इस दिन व्रत रखते हैं और गणेश भगवान की पूजा-अर्चना करते हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार गणेश संकष्टी चतुर्थी के दिन व्रत रखने और भगवान गणेश की पूजा करने से विघ्नहर्ता भक्‍तों के सभी कष्ट और संकट हर लेते हैं।

गणेश चतुर्थी का महत्व
हिंदू संस्कृति में किसी भी कार्य की सफलता के लिए सबसे पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है। गणेश के पूजन से भक्तों को सुख, समृद्धि और यश की प्राप्ति होती है। सभी संकट से दूर करते हैं। मान्यताओं के अनुसार गणेश चतुर्थी का व्रत करने से या फिर इस दिन गणपति की पूजा-अर्चना करने से सभी बिगड़े कार्य बन जाते हैं। साथ ही भगवान गणेश संकटों को दूर करते हैं।

गणेश चतुर्थी पूजन विधि
इस दिन पूजन से पूर्व नित्य क्रियाओं से निवृत्त होकर पवित्र आसन पर बैठें। फिर व्रत का संकल्प लें। इसके बाद पूजन सामग्री पुष्प, धूप, दीप, कपूर, रोली, मौली लाल, चंदन, मोदक आदि एकत्रित कर क्रमश: भगवान गणेश की पूजा करें। उन्हें दूर्वा (पूजा करने वाली घास) जरूर अर्पित करें। मोदक या लड्डू का भोग लगाएं। पूजा के उपरांत सभी देवी-देवताओं का स्मरण करें। पूजा के अंत में आरती करें। फिर प्रसाद का वितरण करें। अगले दिन दान-पुण्य कर व्रत का पारण करें।