November 24, 2024

‘मैंने कभी नहीं कहा कि भारत असहिष्णु है’ : आमिर ख़ान

नई दिल्ली : भारत बहुत ही सहिष्णु देश है लेकिन यहां कुछ लोग नफरत फैलाने का काम कर रहे हैं जिन पर लगाम कसनी होगी – यह बयान आमिर ख़ान ने एक टीवी शो में दिया है। अभिनेता का यह भी मानना है कि वह अभी तक देश के ब्रांड एम्बेसडर हैं, भले ही सरकार ने उनकी सेवाएं लेनी बंद कर दी है। उन्होंने कहा कि भारत उनकी माता है, कोई ब्रांड नहीं है।

आमिर ने लोकप्रिय कार्यक्रम ‘आप की अदालत’ में कहा कि ‘हमारा देश बहुत सहिष्णु है लेकिन कुछ लोग दुर्भावनाएं फैला रहे हैं जो इस विशाल देश को तोड़ने की बात करते हैं, ऐसे लोग हर धर्म में मौजूद हैं, केवल मोदीजी उन्हें रोक सकते हैं।’ उन्होंने कहा ‘आखिरकार कानून सभी के लिए बराबर है और कोई भी कानून से उपर नहीं है। अगर मैं गलत नहीं हूं तो हमारे प्रधानमंत्री ने भी चिंता जतायी है। उनका नारा है सबका साथ, सबका विकास।’ गौरतलब है कि कुछ महीनों पहले ‘बढ़ती असहिष्णुता’ को लेकर अपनी पत्नी के देश छोड़ने की राय को सबके सामने लाने के बाद आमिर को काफी आलोचना का सामना करना पड़ा था।

गलत तरीके से पेश किया गया
इस शो में आमिर ने अभिनेता अमिताभ बच्चन की उस टिप्पणी का भी जवाब दिया जिसमें उन्होंने लिखा था कि खान ने यह बयान देकर भारत की छवि को नुकसान पहुंचाया है। आमिर ने कहा ‘मैंने कहा था कि अवसाद की भावना, निराशा की भावना बढ़ रही है और असुरक्षा, असहिष्णुता की भावना भी बढ़ी है। लेकिन यह दोनों बिल्कुल अलग चीजें हैं।’

आमिर सफाई देते हुए बोले ‘मैंने कभी यह नहीं कहा कि भारत असहिष्णु है। मुझे गलत रूप से कोट किया गया। बढ़ती असहिष्णुता कहना और भारत असहिष्णु है कहना दो बिल्कुल अलग चीजें हैं।’ सरकार द्वारा अतुल्य भारत अभियान से हटाए जाने पर आमिर ने कहा ‘भारत कोई ब्रांड नहीं है। मैं अपनी मां को किसी ब्रांड के रूप में नहीं देख सकता। यह अन्य लोगों के लिए ब्रांड हो सकता है, मेरे लिए नहीं। आज की तारीख तक मैं भारत का ब्रांड एम्बेसडर हूं भले ही सरकार ने मुझे हटा दिया हो।’

असुरक्षा के कारण भारत छोड़ने की उनकी पत्नी द्वारा जतायी गयी मंशा के बारे में आमिर ने कहा कि वह और उनकी पत्नी कहीं नहीं जा रहे। वे यहीं जन्में हैं और भारत में ही मरेंगे। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि आखिरकार किरण भी एक मां है और मां अपने बच्चों को लेकर चिंतित रहती है। उन्होंने कहा ‘हम अक्सर आपस में बहुत सी बातें कहते हैं लेकिन हम सौ प्रतिशत उसपर अमल नहीं करते। न ही यह हमारी मंशा होती है।’