Faridabad/Alive News : श्री धार्मिक लीला कमेटी एम ब्लाक में आज अंगद ने पाँव जमाया और अंत में युद्ध का ऐलान किया । पहले दृश्य में हनुमान माँ सीता का पता लगाकर वापिस श्रीराम के पास आये और उसके बाद विभीषण श्रीराम की शरण में आये। तब राम के कहने पर सुग्रीव को दूत बनाकर रावण के दरबार भेजा गया ताकि उसको युद्ध में होने वाले विनाश के बारे में चेताया जा सके ।
अंगद रावण के दरबार पहुंचा और रावण को खूब समझाया कि इस युद्ध के विनाश से बाज आये और माता जानकी को श्रीराम के पास वापिस भेज दें लेकिन रावण नही माना और बोला राम तुम जैसे वानरों के भरोसे युद्ध क्या करेगा। इस पर अंगद ने कहा मैं श्रीराम की सेना का सबसे छोटा सिपाही हूं मैं उनकी सेना की ताकत का एक नमूना दिखाता हूं मैं अपना पाँव जमीन पर जमाता हूं तेरे किसी भी योद्धा ने मेरा पाँव ऊठा लिया तो तुम्हारी विजय मान लेगें।
लेकिन कोई भी रावण का योद्धा अंगद का पाँव हिला तक नही सका तो अंगद रावण को ललकारते हुए कहता है “अभी है वक्त लंका को तबाही से बचा ले तू, रहा होवे बाकि कोई तो उसे भी बुलाले तू”। रावण शर्म से पानी-पानी हो जाता है और खुद अंगद का पाँव ऊठाने लगता है तो अंगद पाँव पीछे करता हुआ कहता है “पाँव छूने से मेरे न हरगिज मुक्ति पायेगा,पाँव छूले श्रीराम के जो चाहेगा मिल जायेगा”। इतना कहता हुआ अंगद युद्ध का ऐलान करता हुआ चला जाता है ।