November 17, 2024

एडीसी ने दिए आदेश, कुष्ठ रोगियों की पहचान कर होगा इलाज, जागरूक भी करेंगे

Faridabad/Alive News: जिला में कुष्ठ रोगियों (लेप्रोसी) की पहचान के लिए कुष्ठ रोगी खोज अभियान को पूर्ण रूप से चलाया जाएगा। लोगों का इलाज किया जाएगा। एडीसी आनंद शर्मा ने कहा कि डॉक्टर की टीम ज्यादा से ज्यादा स्कूलों व स्लम एरिया में जाकर टीबी, एचआईवी और लेप्रोसी के बारे में लोगों को बताए और जागरूक करें। पोलियो अभियान में जिस तरह का माइक्रोप्लान यूज किया जाता है। उसी की तर्ज पर इसमें भी काम करें।

एडीसी आनंद शर्मा आरबीएसके डॉक्टरों के लिए ट्रैंनिंग कार्यक्रम का आयोजन लघु सचिवालय के बैठक कक्ष में किया गया। जहां पर एडीसी कार्यशाला में उपस्थित चिकित्सकों और अन्य लोगों को यह दिशा-निर्देश दे रहे थे। जिसमें डॉ सिद्धि, डॉ तोसीफ और डॉ मनजिंदर ने क्रमानुसार आरबीएसके की टीमों को कुष्ठ रोग की पहचान, टीबी के लक्ष्णों, नवजात बच्चों में आखों, कानो, पैरो में होने वाली बीमारियों के बारे में बताया।

एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए डॉ. तोसीफ ने विटामिन ए, बी और सी की कमी के कारण होने वाली समस्याओं के बारे में बताते हुए कहा कि विटामिन ए की कमी से आंखों से जुड़ी परेशनियां, रतौंधी और आंख के सफेद हिस्से में धब्बे की समस्या, त्वचा से जुड़ी बीमारीयां भी हो सकती है। वहीं विटामिन बी की कमी से बेरी बेरी होता है। इसके अलावा एनीमिया और मानसिक समस्याएं होने की संभावना ज्यादा होती है। मसूड़ों में सूजन और खून का आना भी विटामिन सी की कमी से होता है।

डॉ. सिद्धि ने कार्यशाला में नवजात शिशु की आंखो में मोतियाबिंद से सम्बंधित समस्या के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि आंख की पुतली में धुंधला या अपारदर्शी दिखना, स्ट्रैबिस्मस (आंखों को पार करना) या आंखों का खराब संरेखण, पुतली पर सफेद या ग्रे रंग दिखना यह आंख में मोतियाबिंद का लक्षण हो सकता है। यदि किसी शिशु के मोतियाबिंद पर ध्यान नहीं दिया जाता है, तो यह स्थायी दृष्टि हानि का कारण बन सकता है। सबसे खराब स्थिति में, वे पूर्ण अंधापन का कारण बन सकते हैं।

डॉ. मनजिंदर ने पैरों के आकार में गड़बड़ी, अन्य हड्डियों और जोड़ों के आकार में गड़बड़ियॉं, रिकेटस, हड्डियों का संक्रमण, कुपोषण के कारण पेशियों का खतम हो जाना, पेशीविकृति जैसी समस्याओं ने बारे में अवगत कराया।