Faridabad/Alive News: केंद्र व हरियाणा सरकार पूरी गंभीरता के साथ कार्य करते हुए जल संरक्षण की दिशा में विभिन्न योजनाओं के माध्यम से निरंतर प्रयास कर रही हैं। यह प्रयास तभी सार्थक होगा जब ज्यादा से ज्यादा आमजन इसमें अपना योगदान देंगे। उपायुक्त विक्रम सिंह ने बुधवार विश्व जल दिवस के अवसर पर विभिन्न अधिकारियों के साथ जल संरक्षण को लेकर आयोजित सेमिनार में चर्चा की।
प्रकृति ने हमें बहुमूल्य चीजों से नवाजा है जिसमें जल भी है। जल उपलब्धता में प्रकृति की ओर से कोई कमी नहीं है। जल संरक्षण में लगे सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग व अन्य हित धारकों को कहा कि जल संरक्षण आने वाले समय की आवश्यकता है तथा हर स्तर पर जल का समुचित उपयोग करने पर अभी से बल देना होगा तभी हम भावी पीढ़ी के लिए जल बचा सकेंगे। हरियाणा सरकार स्थायी जल संरक्षण के क्षेत्र में अपने लोगों की जरूरतों को पूरा करने में सक्रिय भूमिका निभा रही है। इन कार्यक्रमों में मेरा पानी, मेरी विरासत पहल के तहत किसानों का एक बड़ा हिस्सा जल-गहन धान की खेती से कम पानी-गहन खेती की ओर स्थानांतरित हुआ है। उन्होंने प्रदेशवासियों से आह्वान किया कि हम सभी को जल संरक्षण के साथ-साथ जल प्रबंधन पर भी विचार करना होगा।
एनजीओ जल स्मृति से आये अधिकारी ने बताया कि अटल भूजल योजना के तहत 69 ग्राम पंचायतों में जल संरक्षण का काम पूरा कर लिया गया है। जल को धारणीय बनाने के लिए उसका रीसायकल और रीयूज ही समस्या का एकमात्र समाधान है। उन्होंने बताया कि पृथ्वी पर 3 परसेंट पानी पीने लायक है उसमें से भी 69% ग्लेशियर, 30 परसेंट ग्राउंड वाटर, और एक परसेंट सरफेस वाटर है। हमें 30 परसेंट ग्राउंड वाटर पर सबसे ज्यादा ध्यान देना होगा। हमें प्रकृति से जल को रीसायकल वह रीयूज करना सीखना होगा। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा जल संरक्षण के लिए विभिन्न योजनाएं चलाई जा रही हैं जिनमें जल जीवन मिशन, अटल भूजल योजना, अमृत सरोवर योजना शामिल है।
सेमीनार में ब्लॉक फॉरेस्ट अधिकारी संदीप कुमार, एसडीओ अरविन्द शर्मा, एसई इरीगेशन राजीव कुमार बत्रा, डॉ सचिन कुमार, हॉर्टिकल्चर से स्मिता कुमारी, जेई अरुण कौशिक सहित अन्य कई अधिकारीगण मौजूद थे।