Faridabad/Alive News: एडीसी अपराजिता ने कहा कि जिला के दोनों बाल देखभाल गृह में रह रहे और 18 वर्ष की आयु पूरी कर चुके अन्य बच्चों को हरिहर योजना का पूरा लाभ दिया जाए। इन बच्चों को भविष्य में पढ़ाई करनी है या कहीं प्रशिक्षण प्राप्त कर नौकरी करनी है, तो इसके लिए भी उनकी सहमति लेकर सीसीआई कार्य योजना प्रस्तुत करें।
समीक्षा बैठक में बताया कि जिला में मौजूदा समय में दो बाल देखभाल गृह चल रहे हैं। इनमें एक एसओएस ग्रीन फील्ड में है और दूसरा सेंट जोसफ सर्विस सोसायटी द्वारा चलाया जा रहा है। इन बाल देखभाल गृहों में त्याग किए गए अथवा अनाथ बच्चों को रखा जाता है।
हरिहर योजना
सरकार द्वारा जारी हिदायतों के अनुसार हरिहर योजना बिना घर के बच्चों के लिए चलाई गई है। इसके तहत बच्चों को शिक्षा, ट्रेनिंग व ग्रुप सी व डी की नौकरी भी दी जाती है। शादी के बाद उन्हें घर बनाने के लिए बिना ब्याज के लोन भी मुहैया करवाया जाता है। वहीं सीसीआई में रहने के दौरान उन्हें समाज कल्याण विभाग के माध्यम से 2500 रुपये पेंशन भी मिलती है।
वहीं18 वर्ष की आयु तक सरकार खर्च वहन करती है।
एक्सग्रेसिया पॉलिसी के तहत ग्रुप सी व डी की नौकरी भी दी जाती है। इसके अलावा उच्च शिक्षा ग्रहण करने वाले अनाथ बच्चे लिखित परीक्षा देकर ग्रुप ए व बी की नौकरी पा सकते हैं।
नौकरी के बाद संबंधित युवक या युवती की शादी होने तक उनकी सैलरी बैंक खाते में जमा होगी। अगर उसे आगे की पढ़ाई जारी रखनी है या और कोई ट्रेनिंग या कोचिंग लेनी है तो वह खाते से 20 प्रतिशत तक पैसा ही निकलवा सकेगा। बाकी का पैसा उसे एक साथ उनके विवाह के मौके पर मिलेगा।
वहीं अगर शादी के बाद भी उनके पास रहने का कोई ठिकाना नहीं है, तो सरकार उनके लिए मकान का प्रबंध करेगी। यदि बच्चा स्नातक पूरा करता है, तो उन्हें आर्थिक रूप से कमजोर श्रेणी (EWS) के तहत ग्रुप-ए और ग्रुप बी की सरकारी नौकरियों में आरक्षण प्रदान किया जाएगा।