New Delhi/Alive News: दुनिया भर में पर्यावरण के लिहाज से अर्थ डे को बहुत ही महत्व दिया जाता है ।इसकी अहमियत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इसकी सुगबुगाहट एक दो दिन पहले से ही शुरू हो जाती है। अर्थ डे हर साल 22 अप्रैल को मनाया जाता है। इस साल कोविड-19 महामारी के प्रकोप के चलते भले ही लग रहा हो कि लोगों का इस पर ध्यान नहीं जाएगा तो ऐसा बिलकुल नहीं है। ऐसे में लोगों में यह कौतूहल भी है कि इस बार वर्ल्ड अर्थ डे कैसे मनाया जाएगा।
एक बड़ा मौका
पिछले कुछ सालों में अर्थ डे मनाने की लोकप्रियता काफी बढ़ी है और साल दर साल जैसे-जैसे जलवायु परिवर्तन के दुष्परिणाम सामने आते जा रहे हैं। इसके महत्व पर ज्यादा जोर दिया जाने लगा है। यह दिन एक मौका होता है कि करोड़ों लोग मिल कर पृथ्वी से संबंधित पर्यावरण की चुनौतियों जैसे कि ग्लोबल वार्मिंग, प्रदूषण और जैवविविधता संरक्षण के लिए प्रयास करने में और जागरुक हों और इसमें तेजी लाएं।
क्या है इस साल की थीम
इस साल कोरोना काल में अर्थडे की थीम पृथ्वी को फिर से अच्छी अवस्था में बहाल करना है। इसके लिए इस बार उन प्राकृतिक प्रक्रियाओं और उभरती हुई हरित तकनीकों पर ध्यान दिया जाएगा जो दुनिया के पारिस्थिकी तंत्र को फिर से कायम करने में मददगार साबित होंगे। इस तरह से इस बार की थीम में इस अवधारणा को खारिज किया जा रहा है कि जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए किए जा रहे प्रयासों में केवल प्रकृति को नुकसान पहुंचाने वाली गधिविधियों को कम करना ही काफी होगा।
तीन दिन मनाया जा रहा है इस साल अर्थ डे
अर्थ डे मनाने की शुरुआत साल 1970 से हुई है। यह 1970 के बाद प्रत्येक वर्ष 22 अप्रैल को मनाया जाता है। इस साल इसे तीन के इवेंट के तौर पर मनाया जा रहा है जो 20 से अप्रैल से शुरु हो गया है। इस साल कोविड महामारी के कारण कार्यक्रमों को डिजिटल तौर पर करने की योजना बनाई गई है। कोविड-19 के कारण पर्यावरण की अहमियत पर भी जोर दिया रहा है।
इन विषयों पर रहेगा जोर
इस साल अर्थ डे कार्यक्रमों में जलवायु और पर्यावरण साक्षरता, जलवायु तकनीकों की बहाली, वनीकरण के प्रयासों में तेजी, पुनर्उत्पादन कृषि, समानता और पर्यावरण न्याय, नागरिक विज्ञान, साफ सफाई जैसे मुद्दों पर जोर दिया जाएगा. अर्थडे डॉटओआरजी ने इस बार पृथ्वी के लिहाज से सभी से बदलाव से दूर रहने की अपील की है.