May 20, 2024

यमुना होगी अमोनिया रहित, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड देगा ट्रेनिंग

Chandigarh/Alive News : हरियाणा के यमुनानगर, करनाल, पानीपत और सोनीपत के उद्योगों से निकलने वाला दूषित पानी यमुना नदी में बिना ट्रीट किए छोड़ा जा रहा है। इससे यमुना में अमोनिया की मात्रा बढ़ गई है। यमुना को अमोनिया रहित बनाने के लिए अब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड उद्यमियों को दो दिन ट्रेनिंग देगा।

मिली जानकारी के अनुसार बुधवार और बृहस्पतिवार को ऑनलाइन ट्रेनिंग होगी, जिसमें डायर्स और टेक्सटाइल उद्यमी भाग लेंगे। इस ट्रेनिंग में उद्यमियों को बताया जाएगा कि किन केमिकल का इस्तेमाल करें और किनसे परहेज। अमोनिया के दुष्प्रभाव के बारे में अलग प्रशिक्षण सत्र होगा। हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड इसी माह उद्यमियों को एक मास्टर प्लान भी देगा, उसी के अनुसार उद्यमियों को आगे काम करना होगा।

दिल्ली में हर वर्ष जनवरी और दिसंबर के दौरान यमुना के पानी में अमोनिया की मात्रा बढ़ जाती है। इसका आरोप हरियाणा के चार जिलों पर लगता है और इसके कारण कई उद्योग भी सील कर दिए जाते हैं। इस बार इस स्थिति से बचने के लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड पहले ही कदम उठा रहा है। यमुना किनारे बसे जिलों के उद्योगों की लिस्ट तैयार की जा रही है।

बापौली क्षेत्र के कुछ डायर्स एवं कंबल उद्यमी केमिकल युक्त पानी को टैंकर में भरकर यमुना में छोड़ते हैं। इस गैर कानूनी कार्य को सुबह एवं देर शाम किया जाता है। कई क्षेत्रों में ड्रेन में भी छोड़ा जाता है। जो सीधे यमुना में जाकर मिलती है।

यमुना को प्रदूषित करने वाले पॉइंट
दिल्ली जल बोर्ड के मुताबिक हरियाणा में डीडी-1 और डीडी-2 नहरें हैं। इन नहरों से दूषित पानी यमुना में पहुंचता है। डीडी-2 नहर को उद्योगों से निकलने वाली डाई की मात्रा अधिक होने की वजह से डाई ड्रेन भी कहा जाता है। जिसमें अमोनिया की अधिक मात्रा मौजूद होता है। नहरें पानीपत के गांव शिमला गुजरन के पास एक-दूसरे से मिलती हैं। शिमला गुजरन से नहरें गांव खोजकीपुर गांव के पास यमुना में मिल जाती हैं।