November 24, 2024

चुनावी ड्यूटी से बचने के लिए अध्यापक बना महिला, खुद को बताया प्रेगनेंट, डीसी ने बिठाई जांच

Jind/Alive News: हरियाणा के जींद में एक ऐसा चौंका देने वाला मामला सामने आया है, जहां चुनाव में ड्यूटी से बचने के लिए पुरुष टीचर को महिला टीचर बता दिया गया। साथ ही उसे गर्भवती भी करार दिया गया। फर्जीवाड़े में खुलासे के बाद जिला निर्वाचन अधिकारी एवं डीसी मोहम्मद इमरान रजा न केवल आश्चर्य प्रकट किया, बल्कि तुरंत प्रभाव से जांच बैठा दी। मामले की फाइल को कार्रवाई के लिए निर्वाचन आयोग और शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारियों के पास भी भेजा जाएगा।

लोकसभा चुनाव को संपन्न करवाने के लिए जिला प्रशासन द्वारा अधिकारियों और कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जाती है। इनमें चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों से लेकर क्लास वन तक के अधिकारी भी शामिल होते हैं। कर्मचारियों के पीठासीनअधिकारी, सहायक पीठासीन अधिकारी के अलावा एसएसटी, एफएसटी, वीडियो सर्विलेंस टीम, वीडियो वीविंग टीम, फ्लाइंग स्क्वायड अनेक टीमों में ड्यूटी होती है।

हालांकि कर्मचारी व अधिकारी अंत तक यही प्रयास करते हैं कि चुनाव में ड्यूटी न लगे। इसी बीच जिला प्रशासन के पास प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कुछ अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा चुनावी ड्यूटी से छुटकारा पाने के लिए सिफारिश पहुंचती हैं, लेकिन चुनाव ड्यूटी से छूट जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा चुनाव आयोग के निर्देशों के अनुरूप केवल किसी विशेष परिस्थिति में ही दी जाती है।

डीसी ने प्रिंसिपल व टीचर को किया तलब जींद के गांव डाहौला स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय से जिला प्रशासन के पास भेजे गए कर्मचारियों के डाटा में यहां पर कार्यरत पीजीटी शिक्षक सतीश कुमार को महिला कर्मचारी होने के साथ-साथ गर्भवती होना भी दर्शाया गया है। चूंकि चुनाव ड्यूटी लगाने के लिए प्रयोग किया जाने वाला सॉफ्टवेयर गर्भवती महिला के डेटा को नही उठाता। ऐसे में सतीश कुमार की कहीं भी ड्यूटी नही लगी।

जब यह मामला जिला निर्वाचन अधिकारी एवं डीसी मोहम्मद इमरान रजा के समक्ष रखा गया तो डीसी ने इस मामले पर आश्चर्य प्रकट करते हुए ठोस कार्रवाई शुरू की। डीसी ने गुरुवार को इस केस में सीधे रूप से जुड़े पीजीटी सतीश कुमार, स्कूल प्राचार्य अनिल कुमार और स्कूल के कंप्यूटर ऑपरेटर मंजीत को अपने ऑफिस में तलब किया। उनसे कई बार पूछा कि यह सब कैसे हुआ है, लेकिन तीनों ने इसमें अपनी अनभिज्ञता जाहिर की।

डीसी ऑफिस में मौजूद डीआईओ सुषमा देशवाल ने डीसी को बताया कि कुछ लोगों ने उनके पास आकर इस केस की मौखिक रूप से जानकारी दी थी और मामले की जांच करवाने की मांग की थी। इस पर उन्होंने डेटा देखा तो यह सही पाया गया।

जिला निर्वाचन अधिकारी एवं उपायुक्त मोहम्मद इमरान रजा ने बताया कि कर्मचारी चुनावी ड्यूटी से बचने के लिए इस तरह का कदम भी उठा सकते हैं, इसके बारे में हम सोच भी नहीं सकते। यह अपने आप में एक अनूठा और आश्चर्यजनक मामला है। उन्होंने बताया कि इस मामले में सिटी मजिस्ट्रेट एवं उप जिला निर्वाचन अधिकारी नमिता कुमारी की अध्यक्षता में एक जांच कमेटी बैठाई गई है। जांच कमेटी द्वारा इस सारे मामले की छानबीन की जाएगी। इस मामले में जो भी दोषी होंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ-साथ इस केस की रिपोर्ट शिक्षा विभाग और निर्वाचन आयोग के पास में ही भेजी जाएगी।