May 19, 2024

एक जून से खरीदेंगे सूरजमुखी, सरसों की तरह समर्थन मूल्य से ज्यादा दाम मिल रहा किसानों को: डिप्टी सीएम

Chandigarh/Alive News: हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने बताया कि एक जून 2021 से प्रदेश में सूरजमुखी की सरकारी खरीद शुरू की जाएगी। इसके लिए 7 मंडियां निर्धारित की गई हैं। अब तक 8283 किसानों ने अपनी सूरजमुखी की फसल बेचने के लिए पोर्टल पर पंजीकरण किया है। किसानों को अपनी फसल पंजीकृत करवाने के लिए जल्द ही एक दिन और पोर्टल खोला जाएगा।

डिप्टी सीएम, जिनके पास खाद्य एवं आपूर्ति विभाग का प्रभार भी है, ने आज यहां प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया कि हालांकि सरकार ने सूरजमुखी के लिए 5885 रूपए प्रति क्विंटल न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित किया है। परंतु खुशी की बात है कि किसानों को अपनी फसल का खुले बाजार में ज्यादा मूल्य मिल रहा है। उन्होंने उम्मीद जताई कि भविष्य में भी किसानों को सूरजमुखी की बेहतर कीमत मिलेगी। केंद्र सरकार ने भी 25 हजार क्विंटल की सरकारी खरीद करने की स्वीकृति दे दी है।

उन्होंने यह भी जानकारी दी कि इस बार एक अप्रैल 2021 से गेहूं की सरकारी खरीद शुरू हुई थी और अब तक कुल 85 लाख 30 हजार मिट्रिक टन गेहूं की खरीद की गई है। खास बात यह रही कि इस बार रिकार्ड कम समय में 82 लाख 10 हजार मिट्रिक टन गेहूं का उठान करवा दिया है जिससे किसानों का भी आंधी-बारिश से नुकसान नहीं हुआ। गेहूं का समय पर उठान न होने के कारण पहले के समय में बारिश के कारण किसान व सरकार को कई बार नुकसान उठाना पड़ा है।

दुष्यंत चौटाला ने बताया कि पहली बार गेहूं की फसल की बिक्री के बाद 15598 करोड़ रूपए सीधा किसानों के बैंक खाते में भेजे गए हैं। देश में पहली बार हरियाणा सरकार ने प्रावधान किया कि किसी किसान की पेमैंट देने में देरी हुई तो किसान को 9 प्रतिशत ब्याज भी किसान को अदा किया गया है। प्रदेश के ऐसे किसानों को करीब 77 लाख रूपए अतिरिक्त ब्याज के तौर पर दिए गए हैं।

उन्होंने सरसों की फसल के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि पिछली बार 7 लाख मिट्रिक टन से अधिक सरसों की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य पर की गई थी, जबकि इस बार सरसों का एमएसपी बढ़ कर 4650 रूपए प्रति क्विंटल हो गया है। सरकार को एमएसपी पर सरसों का एक भी दाना नहीं खरीदना पड़ा, क्योंकि किसानों को बाजार में 7275 रूपए प्रति क्विंटल का भाव मिल गया है।

उपमुख्यमंत्री ने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को बधाई देते हुए कहा कि वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों के मार्गदर्शन में इन अधिकारियों की मेहनत की बदोलत 500-500 बैड के कोविड-19 के अस्पताल निर्धारित अवधि 20 मई से चार दिन पहले ही तैयार हो गए हैं। इन अस्पतालों के लिए श्रम विभाग के ईएसआईसी के 136 मैडिकल ऑफिसर, 88 फार्मासिस्ट, 26 एमपीएचएस,17 लैब टैक्रीशियन व 40 एमपीएचडब्ल्यू को स्वास्थ्य विभाग में प्रतिनियुक्त किया गया है जो इन कोविड अस्पतालों में अपनी सेवाएं देंगे।

उन्होंने ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ाने की प्रतिबद्धता दोहराते हुए बताया कि गांवों में आइसोलेशन वार्ड बनाने के लिए 10 हजार से कम आबादी वाली प्रदेश की 6136 ग्राम पंचायतों के लिए 18.40 करोड़ तथा 10 हजार से अधिक आबादी वाली 98 ग्राम पंचायतों के लिए 4.90 करोड़ रूपए की राशि स्वीकृत की गई है। इस आइसोलेशन वार्ड में 10 सदस्यों की एक टीम प्रतिदिन वहां की स्वास्थ्य सुविधाओं की देखरेख करेगी, इस टीम में 5 सदस्य स्वास्थ्य विभाग तथा 5 सदस्य ग्राम पंचायत के होंगे।

दुष्यंत चौटाला ने ग्रामीण क्षेत्र में सडक़ों की मजबूती के प्रति राज्य सरकार द्वारा किए गए श्रेष्ठ कार्यों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि हरियाणा देश का पहला राज्य है जिसने ‘प्रधानमंत्री ग्रामीण सडक़ योजना’ के फेज-1 व फेज-2 के अंतर्गत आवंटित सारा कार्य पूरा कर लिया है। यही नहीं इस योजना के तहत फेज-थ्री के थर्ड-बैच को सबसे पहले अप्रुवल मिली है। उन्होंने बताया कि ‘प्रधानमंत्री ग्रामीण सडक़ योजना’ के फेज-वन में 4565 किलोमीटर लंबाई की कुल 419 सडक़ें बनाई गई जिन पर 1394.43 करोड़ रूपए खर्च किए गई।

इसी प्रकार, फेज-टू में कुल 103 प्रोजेक्ट बनाए गए जिनमें 85 सडक़ें व 18 पुल शामिल हैं, पर कुल 917 करोड़ रूपए खर्च हुए हैं। इनके अलावा, फेज-3 के प्रथम बैच में कुल 688.9 किलोमीटर लंबाई की 83 सडक़ें बनाई गई जिन पर कुल 383.58 करोड़ रूपए खर्च किए गए हैं। उन्होंने बताया कि हरियाणा ही एकमात्र ऐसा राज्य है।

जिसके ‘प्रधानमंत्री ग्रामीण सडक़ योजना’ के फेज-थ्री के दूसरे बैच की स्वीकृति मिल गई है। इसमें कुल 1216.9 किलोमीटर लंबाई की 120 सडक़ें बनाई जाएंगी जिन पर 549 करोड़ रूपए खर्च किए जाएंगे। डिप्टी सीएम ने हरियाणा के मैडिकल-स्टॉफ द्वारा कोविड-19 के दौरान किए जा रहे कार्य के लिए प्रशंसा की और कहा कि पिछले दो दिनों में कोविड पर नियंत्रण के मामले में अच्छे परिणाम आए हैं।

एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि एल-1 तथा एल-13 की उचित ढंग से मॉनिटरिंग की जा रही है। बॉर्डर पर भी सख्ती की गई है। उन्होंने बताया कि इस आबकारी वर्ष के दौरान जितने दिन लॉकडाउन रहेगा, उतने दिन इस आबकारी वर्ष में आगे जोड़ दिए जाएंगे।