Faridabad/Alive News : हर वर्ष 23 जुलाई को नेशनल ब्रॉडकास्टिंग डे मनाया जाता है। इस दिन को सेलिब्रेट करने के पीछे रेडियो का महत्व याद दिलाने और समझाना है। इतिहास का वह दिन है जब भारत को अपनी पहली रेडियो ब्रॉडकास्टिंग कंपनी मिली थी। 1927 में इंडियन ब्रॉडकास्टिंग कंपनी लिमिटेड नामक एक प्राइवेट कंपनी के रूप में अपना सफर शुरू किया था।
राष्ट्रीय प्रसारण दिवस का इतिहास जानिए
भारत में ब्रॉडकास्टिंग का इतिहास ऑल इंडिया रेडियो के शुरू होने से करीब 13 साल पुराना है। जून 1923 में ब्रिटिश राज में मुंबई के रेडियो क्लब में देश में पहली बार प्रसारण किया था। इसके बाद 5 महीने बाद कोलकाता रेडियो क्लब की स्थापना हुई लेकिन तेरे जुलाई 1927 को इंडियन ब्रॉडकास्टिंग कंपनी अपने अस्तित्व में आए थी। इसलिए जब से अब तक 23 जुलाई को हर वर्ष प्रसारण दिवस मनाया जाता है।
कब आया ऑल इंडिया रेडियो
अप्रैल 1930 में लेबर और इंडस्ट्रियल विभाग के तहत भारतीय प्रसारण सेवा में एक्सपेरिमेंटल तौर पर अपना संचालन शुरू किया था। अगस्त 1935 में लियोनेल फिल्डन को प्रसारण का पहला कंट्रोलर नियुक्त किया गया था। 8 जून 1936 को भारतीय राज्य प्रसारण सेवा और इंडिया रेडियो बन गया ।
ऑल इंडिया रेडियो कब बना आकाशवाणी
सन 1956 में नेशनल ब्रॉडकास्टर के लिए आकाशवाणी नाम अपनाया गया था। 1957 में विविध भारती सेवा शुरू की गई थी। जो कि कुछ ही समय में फिल्मी संगीत के लिए लोकप्रिय बन गई। आकाशवाणी ऑल इंडिया रेडियो भारत के घरेलू राष्ट्रीय रेडियो प्रसारण सेवा है जो पूरे देश में लाखों करोड़ों घरों तक पहुंचती है। इंडिया रेडियो प्रसार भारती का एक प्रभाग है जो पहले सरकारी नियंत्रण में था लेकिन अब एक स्वायत्त निकाय बन गया है, जिसे संसद के एक अधिनियम द्वारा स्थापित किया गया है। प्रसार भारती में दूरदर्शन भी शामिल है, और साथ ही प्रसिद्ध राष्ट्र टेलीविजन नेटवर्क जिसने रामायण जैसी हिट ड्रामा सीरीज और शैक्षिक कार्यक्रम को प्रसारित किया था।