May 1, 2024

क्या है एंटी सेक्स बेड, जो एथलीटों को ओलंपिक गांव में मिल रहे हैं?

New Delhi/Alive News : कुछ ही दिनों में टोक्यो ओलंपिक की शुरुआत होने जा रही है. हालांकि इस दौरान खेलों से पहले जो चर्चा है, वो है खास तरह के बिस्तरों की. इन्हें एंटी-सेक्स बेड (anti-sex bed) कहा जा रहा है. ये खिलाड़ियों से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाने के मकसद से तैयार हुआ है. बता दें कि पहले हमेशा ओलंपिक खेलों के अलावा खुले यौन-संबंधों के लिए भी चर्चा में रहता आया था लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण के खतरे से बचने के लिए आयोजकों ने नई ही पहल कर डाली.

ओलंपिक के दौरान मेलजोल हमेशा से चर्चा में रहा
ओलंपिक के दौरान सबसे पहले अस्सी के दशक में जमकर सेक्स होने की बात आई थी. तब यौन रोगों से सुरक्षा के लिए खिलाड़ियों में कंडोम का वितरण भी हुआ था. इसके बाद से हर बार ओलंपिक में ये चर्चा भी रहने लगी कि इस बार आयोजकों ने कितने लाख कंडोम बांटे हैं. पिछली बार साल 2016 में रिओ ओलंपिक के दौरान आयोजक देश ब्राजील ने लगभग 90 लाख कंडोम बंटवाए थे.

किस कारण नई तरह के बेड बने?
अनुमान लगाना मुश्किल नहीं कि खेलों के दौरान खिलाड़ी और आम लोग एक-दूसरे के ज्यादा करीब आते हैं. ये बात अब तक तो ठीक थी लेकिन इस बार आयोजक नहीं चाहते कि ऐसा कुछ हो. यही कारण है कि खिलाड़ियों के लिए एंटी सेक्स बेड तैयार हुए हैं.

खिलाड़ियों के आराम के लिए बने ये बिस्तर काफी अलग हैं
ये कार्डबोर्ड के बने हुए हैं, जो औसत से ज्यादा वजन नहीं सह सकते. अगर दो लोग इस पर रहें तो बेड टूट जाएगा. बेड तैयार करने वाली कंपनी एयरवीव का दावा है कि उसने ये बेड पर्यावरण की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए बनाए. हालांकि बेड का हल्का होना ये साफ कर रहा है कि इसका मकसद केवल पर्यावरण नहीं. कंपनी ने लगभग 18 हजार ऐसे बेड तैयार करवाए जो ओलंपिक के दौरान खिलाड़ियों और टीम को दिए जाएंगे.

खेलों के खत्म होने के बाद ये बिस्तर कबाड़ नहीं बनेगें, बल्कि इन्हें कारखानों में भेजकर पेपर में बदल दिया जाएगा. इसके अलावा गद्दों से प्लास्टिक के उत्पाद तैयार होंगे.

कितना भार उठा सकते हैं बेड?
छपी रिपोर्ट के मुताबिक हर बिस्तर पर लगभग 200 किलो वजन उठा सकने की क्षमता है, बशर्तें उस पर एकाएक वजन न पड़े. या फिर ज्यादा हलचल न हो. वैसे तो इस फर्निचर की बात महामारी के इतनी तबाही मचाने से पहले भी हुई थी लेकिन अब कोरोना अपने पीक पर है. ऐसे में ओलंपिक में इनका इस्तेमाल सोशल डिस्टेंसिंग को बढ़ावा देने के लिए इस्तेमाल हो सकता है. इसे ही लगातार एंटी-सेक्स बेड कहा जा रहा है.

खिलाड़ियों का क्या है रिएक्शन?
पतले और कम वजन सह सकने वाले इस बिस्तरों को लेकर खिलाड़ूी खास खुश नहीं लग रहे. सोशल मीडिया पर ऐसी प्रतिक्रियाएं दिख रही हैं. कई खिलाड़ियों ने ट्वीट करके ये सवाल उठाया कि अगर बेड टूट जाए तो क्या उन्हें जमीन पर सोना होगा. इसके अलावा कुछ खिलाड़ियों का ये भी कहना है कि पतले बिस्तर पर रात सोने के कारण वे सुबह ताजादम नहीं हो सकेंगे. इसका सीधा असर उनके खेल पर होगा.

खेल कमेटी ने तय किए नियम
इसके बाद भी खिलाड़ी रिस्क ले सकते हैं और सोशल डिस्टेंसिंग के नियम टूट सकते हैं. इसे ही ध्यान में रखते हुए इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी (IOC) ने तय किया है कि जो खिलाड़ी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन न कर सकें, उन्हें खेल से हटा दिया जाएगा और घर भेज दिया जाएगा.

वैसे इन सबके बीच भी कंडोम वितरण होने वाला है
जापान ने कंडोम बनाने वाली चार कंपनियों से करार किया है, जो आयोजकों को 1 लाख 60 हजार कंडोम दिलवाएंगी. लेकिन ये खिलाड़ियों को पहले नहीं, बल्कि खेल खत्म होने और ओलंपिक गांव छोड़ते हुए दिया जाएगा. रॉयटर्स में इस बात का जिक्र है.

विवादित बेड के अलावा ओलंपिक में पोडियम भी इको-फ्रेंडली होंगे
लगभग 100 पोडियम होगें जो वेस्ट मटेरियल से तैयार हो रहे हैं. इसकी तैयारी साल 2020 से ही शुरू हो चुकी थी. तब जापान ने अपने यहां 2 हजार से ज्यादा सुपर मार्केट्स से संपर्क किया और वहां से प्लास्टिक वेस्ट जमा किया. इसके अलावा समुद्र की सफाई के दौरान मिला प्लास्टिक वेस्ट भी पोडियम बनाने में काम आ रहा है.

मेडल भी पर्यावरण के लिहाज से बने
वैसे बता दें कि बेड और पोडियम ही नहीं, बल्कि इस बार टोक्यो ओलंपिक में जीते हुए खिलाड़ियों को मिलने वाले मेडल भी इलेक्ट्रॉनिक वेस्ट से तैयार होने की खबर आ रही है. इसमें पीतल के मेडल के लिए लगभग 2,700 किलोग्राम, सोने के लिए लगभग 30.3 किलोग्राम और चांदी के लिए लगभग 4,100 किलोग्राम ई-वेस्ट आम लोगों से लेकर जापानी इंडस्ट्रीज से जुटाया गया.