November 17, 2024

दृष्टिबाधित बच्चों ने मनाया लुई-ब्रेल का जन्मदिन

Faridabad/Alive News: दृष्टि बाधित लोगों के पढ़ने लिखने में काम आने वाली लिपी का आविष्कार फ्रांस के लुई ब्रेल ने किया। यह लिपी ‘ब्रेल लिपी’ के नाम से प्रसिद्ध हुई। यह छ: बिन्दुओं की लिपी है जिससे अक्षर वर्णमाला सीखी जाती है तथा इस लिपी के माध्यम से गणित और अंग्रेजी का भी ज्ञान हासिल किया जाता है। इस लिपी में हर कक्षा व हर विषय पर पुस्तकें छापी जाती हैं। जिनके द्वारा दृष्टि बाधित समाज पढ़-लिख सकता है। इस लिपी के आविष्कारक लूई ब्रेल का 213वां जन्म दिवस नब प्रांगण में उनकी मूर्ति को फूलमाला पहना कर बड़े हर्षोल्लास से मनाया गया।

नेत्र बाधित एम.ए. फाइनल के विद्यार्थी मनोहर सिंह चौहान ने लुई ब्रेल की जीवनी पर व्याख्या की औऱ बताया कि ब्रेल जो मात्र पांच वर्ष की उम्र में पूरी तरह दृष्टिहीन हो गये थे, उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। एक पादरी ने उनकी शिक्षा में सहयोग किया और उन्हें पढ़ाया लिखाया। फिर उन्होंने शिक्षण का कार्य भी किया। दृष्टिबाधित समाज की कठिनायों को ध्यान में रखते हुए उन्होंने विशेष बिंदु वाली लिपी तैयार की जिसे यूनेस्को ने 1950 में मान्यता दी व वर्ष 2005 में इसे आदान-प्रदान की भाषा में सम्मिलित कर लिया गया।

आज पूरे विश्व में दृष्टि बाधित समाज पठन-पाठन व लेखन आदि के कार्य इसी लिपी के माध्यम से करते हैं। क्रार्यक्रम के मुख्य अतिथि एवं अन्य आगन्तुकों के नेब पहुंचने पर नेब के अध्यक्ष सी.ए. अजीत सिंह पटवा ने पुष्प माला पहना कर अभिनन्दन किया मुख्य अतिथि विधायक राजेश नागर के पीए मनीश चड्डा ने कहा कि उन्हें नेब में आकर अत्यन्त उल्लास की अनुभूति हुई तथा वे दृष्टिहीन कल्याण संस्था के हित में कार्य करने में यथा सम्भव प्रयास करेंगें।

इस अवसर पर नेब के उपाध्यक्ष एस.एन.त्यागी, जी.सी. सदस्य मनोज यादव, वीनू माथुर, मनोज कादियान सुखबीर, महिला मंडल की अध्यक्षा सुमंगला, सुनीता नाहटा, ललिता बैद, सरीता भंसाली, शर्मिला बैद, सुशीला दुग्ग्ड़, सुमन जौन, प्रिती जैन, सुमन बोथरा, खुशबु सेठिया, मंजु भाटिया, करण भाटिया, निकेश शर्मा, कमल चौहान, एवं नेब के सभी कर्मचारी उपस्थित थे।