New Delhi/Alive News: भारत सरकार और माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर के बीच जारी तनातनी अब विराम लग सकता है। ट्विटर ने भारत के नए आईटी नियमों को मान लिया है। ट्विटर ने नए आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव की चेतावनी देने के तीन दिन बाद ही कानून का पालन करते हुए भारत में अपना शिकायत अधिकारी नियुक्त किया है। ट्विटर ने विनय प्रकाश को भारत के लिए निवासी शिकायत अधिकारी नियुक्त किया है। कंपनी की वेबसाइट पर यह सूचना डाली गई है।
भारत में नए सूचना प्रौद्योगिकी नियमों का अनुपालन करने में विफल रहने की वजह से ट्विटर लगातार विवादों के घेरे में थी। नए आईटी नियमों के तहत 50 लाख से अधिक प्रयोगकर्ताओं वाली सोशल मीडिया कंपनियों को तीन महत्वपूर्ण नियुक्तियां- मुख्य अनुपालन अधिकारी, नोडल अधिकारी और शिकायत अधिकारी की नियुक्ति करने की जरूरत है। ये तीन अधिकारी भारत के निवासी होने चाहिए।
ट्विटर की वेबसाइट पर डाली गई सूचना के अनुसार विनय प्रकाश कंपनी के निवासी शिकायत अधिकारी (आरजीओ) हैं। प्रयोगकर्ता पेज पर दी गई वेबसाइट के जरिये उनसे संपर्क कर सकते हैं। इसमें आगे कहा गया है कि ट्विटर से इस पते चौथी मंजिल, द एस्टेट, 121 डिकन्सन रोड, बेंगलूर-560042 पर संपर्क किया जा सकता है। प्रकाश का नाम कंपनी के वैश्विक विधि नीति निदेशक जेरमी केसल के साथ डाला गया है। केसल अमेरिका में स्थित हैं।
इससे पहले ट्विटर ने आईटी नियमों के तहत धर्मेंद्र चतुर को भारत के लिए अपना अंतरिम निवासी शिकायत अधिकारी नियुक्त किया था। चतुर ने पिछले महीने इस्तीफा दे दिया था। जानकरी के मुताबिक ट्विटर के भारत में करीब 1.75 करोड़ प्रयोगकर्ता हैं। नए सोशल मीडिया नियमों को लेकर ट्विटर का भारत सरकार के साथ विवाद चल रहा है। ट्विटर ने भारत में मध्यवर्ती के रूप में अपना कानूनी कवच गंवा दिया है। अब वह प्रयोगकर्ताओं द्वारा किसी तरह की गैरकानूनी सामग्री डालने के लिए जिम्मेदार होगी।
इससे पहले ट्विटर ने आठ जुलाई को दिल्ली उच्च न्यायालय को सूचित किया था कि उसने अंतरिम मुख्य अनुपालन अधिकारी नियुक्त किया है। जो भारत का निवासी है। इसके अलावा कंपनी ने नए आईटी नियमों के तहत आठ सप्ताह में नियमित पदों को भरने की भी प्रतिबद्धता जताई थी। देश के नए आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने 8 जुलाई को अपना मंत्रालय संभाला था। इसके तुरंत बाद उन्होंने सबसे पहले ट्विटर को चेतावनी दी थी।
उन्होंने कहा था कि देश का कानून सबसे ऊपर है और ट्विटर को इसे लागू करना ही होगा। मंत्रिमंडल विस्तार से पहले आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने मंत्रालय से इस्तीफा दे दिया था। माना जा रहा है कि नए आईटी कानून को लेकर रविशंकर प्रसाद सोशल मीडिया कंपनियों के सामने देश की साख बचाने में नाकाम रहे और इसी वजह से उनकी मंत्रालय से विदाई हुई।