हल्दी के फायदे के बारे में आमतौर पर लोगों ने अपने दादी-नानी से सुने ही होंगे। यही कारण है कि भारतीय मसालों में हल्दी का एक अलग ही महत्व है। हल्दी खाने का स्वाद और रंग रूप तो बढ़ाती ही है साथ ही यह कई तरह के रोगों से भी हमारी रक्षा करती है। प्राचीन काल से ही हल्दी को जड़ी बूटी के रूप में इस्तेमाल किया जाता रहा है।
हल्दी के आयुर्वेदिक गुण
हल्दी हमारे शरीर की इम्युनिटी को बढ़ाती है जिसके कारण हमारा शरीर कई प्रकार की बीमारियों से बचा रहता है। हल्दी वात कफ दोषों को कम करने के साथ-साथ शरीर में खून बढ़ाने का भी कार्य भी करती है।
दाद खुजली में फायदेमंद
अगर आपकी त्वचा पर कहीं दाद खुजली हो गयी है तो हल्दी के इस्तेमाल से आप इन समस्याओं को जल्दी ठीक कर सकते हैं। इसके लिए खुजली वाली जगह पर हल्दी का लेप या हल्दी के साथ नीम की पत्तियों का लेप लगाएं।
खासी, जुकाम में फायदेमंद
हल्दी की तासीर गर्म होने की वजह से जुकाम में इसका सेवन करना फायदेमंद रहता है। हल्दी के धुंए को रात के समय सूंघने से जुकाम जल्दी ठीक होता है। हल्दी सूंघने के कुछ देर बाद तक पानी नहीं पीना चाहिए।
डायबिटीज में फायदेमंद
2 से 5 ग्राम हल्दी चूर्ण में आंवला रस और शहद मिलाकर सुबह और शाम को खाना, डायबिटीज के मरीजों के लिए फायदेमंद होता है। इसके अलावा हल्दी, दारुहल्दी, तगर और वायविडंग का क्वाथ बनाकर उसकी 20-40 मिलीलीटर की मात्रा में 5-10 ग्राम शहद मिलाकर सुबह- शाम सेवन करने से डायबिटीज में फायदा (haldi ke fayde) होता है।
त्वचा के लिए फायदेमंद
हल्दी में मौजूद एंटीबैक्टीरियल गुण मुंहासों के उपचार में सहायता करता हैं। हल्दी तेलीय त्वचा के लिए भी काफी फायदेमंद होती है। आप इसके लिए हल्दी का दूध भी पी सकते हैं। हल्दी और दूध में त्वचा के रोगों से लड़ने के गुण होते हैं जो मुँहासों के इलाज में मदद करते है।
कैंसर में फायदेमंद
कई शोध में खुलासा हो चुका है कि कच्ची हल्दी में एंटी कैंसर के गुण पाए जाते हैं। इसके सेवन से कैंसर का खतरा कम हो जाता है। साथ ही कच्ची हल्दी ट्यूमर को भी समाप्त करने में सक्षम है। ट्यूमर तब होता है। जब कोशिकाओं के डीएनए में खराबी आ जाती है।
प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में फायदेमंद
इम्यून सिस्टम यानी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूती प्रदान करने में भी हल्दी की अहम भूमिका होती है। दरअसल, हल्दी में इम्यूनोमॉड्यूलेटरी एजेंट पाए जाते हैं, ये एजेंट टी व बी सेल्स (श्वेत रक्त कोशिकाएं) की कार्यप्रणाली को बेहतर करने का काम करते है। इन कोशिकाओं को इम्यून सेल्स के रूप में भी जाना जाता है।
वैसे तो अभी तक आपने इस लेख में केबल हल्दी के फायदे ही पढ़े है। लेकिन हर सिक्के के हमेशा दो पहलू होते है। ठीक इसी प्रकार यदि हल्दी का इस्तेमाल सही मात्रा में किया जाए तो वह सेहत के लिए फायदेमंद होती है। लेकिन हल्दी की अति सेहत को नुकसान भी पहुंचा सकती है।
हल्दी के नुकसान
हल्दी की तासीर गरम होती है, इसलिए इसे सर्दी जुकाम में दवा के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन अगर आपकी तासीर गरम है तो आपके इसका इस्तेमाल सोच-समझ कर करना चाहिए। पीलिया और पित्ताशय की पथरी होने पर हल्दी बहुत घातक हो सकती है। हल्दी रात के थक्के के बनने की प्रक्रिया को धीमा करती है, इसलिए इन्हें रक्त स्त्राव का खतरा हो, वो हल्दी का सेवन न करें।
गर्भवती महिला को हल्दी का सीमित मात्रा में इस्तेमाल करना चाहिए, ज्यादा हल्दी खाने से गर्भपात का खतरा हो सकता है। डायबिटीज के मरीजों को सावधानीपूर्वक इसका सेवन करना चाहिए, क्योंकि ज्यादा सेवन से यह ब्लड शुगर कम कर देता है। हल्दी के ज़्यादा सेवन से पेट की गर्मी, चक्कर आना, उल्टी व दस्त लगना जैसी समस्याएं हो सकती हैं।