Chandigarh/Alive News : हरियाणा की तीन बेटियों ने अपने हैसले के दम पर चरखी दादरी में प्रशिक्षण पाने के बाद अब राजधानी दिल्ली में डीटीसी बस दौड़ाने को तैयार है। तीनों बेटियों की ज्वाइनिंग डीटीसी (दिल्ली ट्रांसपोर्ट कार्पोरेशन) में बतौर चालक हुई है। इन बेटियों ने भारी वाहनों का पेशेवर चालक बनकर समाज की सोच बदलने का काम किया है और साबित किया है कि बेटियां भी किसी से कम नहीं है। वह भी अपनी इच्छा अनुसार कार्य करने के लिए स्वतंत्र है।
मिली जानकारी के अनुसार गांव अख्त्यारपुरा निवासी शर्मिला, मिसरी निवासी भारती और मौड़ी निवासी बबीता धवन डीटीसी में ड्राइवर बनी हैं। मौड़ी निवासी बबीता 2016, भारती 2018 और शर्मिला ने 2019 के बैच में अपना प्रशिक्षण पूरा किया। तीनों ने बताया कि परिवार की आर्थिक मदद के साथ खेत के काम में हाथ बंटाने के लिए उन्होंने ड्राइवरी सीखने का फैसला लिया था। अब डीटीसी में ज्वाइनिंग होने से उन्हें बेहद खुशी है। तीनों इस समय ट्रेनिंग कर रही हैं।
तीनों बेटियों ने बताया कि शुरुआत में जब उन्होंने बाइक और ट्रैक्टर चलाना सीखा, तो लोगों के ताने सुनने को मिले। लोगों ने उनके मुंह पर बोला कि यह काम पुरुषों का है, न कि महिलाओं का। इन तानों को अनसुना कर अपना प्रशिक्षण जारी रखा। उनके संघर्ष का अब सकारात्मक परिणाम सामने आया है। इन बेटियों का कहना है कि उन्हें ताने देने वाले ही जब ड्राइवरी की तारीफ करते हैं, तो उन्हें खुशी होती है। इतना ही नहीं इन बेटियों ने अन्य बेटियों को भी ड्राइवरी लाइन में रोजगार का विकल्प दिखाया है।