New Delhi/Alive News: हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल कार्तिक मास में शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को छठ पर्व को बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. हिंदू धर्म में छठ पूजा एक विशेष पर्व है. इस पर्व को मुख्य रूप से बिहार और झारखंड में मनाया जाता है, लेकिन इसकी धूम पूरे देश में देखने को मिलती है. यूं तो छठ पूजा 8 नवंबर से शुरू हो चुकी है. इसके अगले दिन यानि आज 9 नवंबर को खरना किया जा रहा है और 10 नवंबर को मुख्य छठ पूजा की जाएगी. वहीं, 11 नवंबर सप्तमी को प्रातः उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद छठ का समापन किया जाएगा. यह व्रत अत्यंत कठिन होता है. छठ के पर्व में महिलाएं और व्रती 36 घंटे लंबा व्रत करते हैं. शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को नहाय-खाय से छठ का पर्व की शुरुआत हो जाती है. छठ पर्व के दौरान हर ओर आस्था का सैलाब देखने को मिलता है. छठ के पर्व में छठी मैय्या को ठेकुआ और उनके प्रिय फलों का भोग लगाया जाता है. छठ पूजा में कुछ फलों को अवश्य अर्पित करना चाहिए. चलिए जानते हैं कि कौन से हैं वे फल.
छठी मैय्या को लगाए इन फलों का भोग
डाभ नींबू या अतर्रा नींबू
छठ की पूजा में डाभ (बड़े आकार का मीठा नींबू) अवश्य अर्पित किया जाता है. इस फल को शुद्ध माना जाता है, इसलिए छठी मैय्या को प्रसाद में डाभ जरूर चढ़ाते हैं. इसका आकार बहुत बड़ा होने के कारण इसे पशु-पक्षी नहीं खा पाते हैं, लेकिन ये नींबू छठी मैय्या को विशेष रूप से पंसद है और उन्हें प्रसन्न करने के लिए डाभ नींबू या अतर्रा नींबू जरूर चढ़ाना चाहिए.
पानी वाला नारियल
छठ पर्व में पवित्रता का बहुत महत्व है. नारियल को बेहद ही शुद्ध फल माना जाता है, क्योंकि यह काफी ऊंचाई पर लगा होने और ऊपरी त्वचा बेहद मोटी न सख्त होने की वजह से कोई पशु-पक्षी इसे जूठा नहीं कर पाता है, इसलिए छठी मैय्या को नारियल भी अर्पित किया जाता है. बता दें कि नारियल को मां लक्ष्मी का प्रतीक भी माना जाता है. वहीं, कुछ लोग नारियल चढ़ाने की भी मनौती मांगते हैं., उसके बाद उसे छठी मैय्या को चढ़ाया जाता है.
गन्ना
छठी मैय्या को गन्ना बहुत प्रिय है. छठ पूजा में नारियल की तरह गन्ने का भी महत्व है. कई लोग गन्नों उनके हरे हिस्से समेत ऊपर की ओर से बांध कर घर की आकृति बनाते हैं, फिर उस जगह पर पूजा की जाती है. कई लोग गन्ने का घर बनाते हैं, उसमें पूजा करते हैं. मान्यता है कि छठी मईया घर में सुख-समृद्धि लाती है. इसके साथ ही छठ पूजा में गन्ने से बने गुड़ का इस्तेमाल भी प्रसाद में किया जाता है.
सिंघाड़ा
पानी में बेल से प्राप्त होने वाले इस फल को शुद्ध माना जाता है. सिंघाड़ा काफी सख्त होता है, इसलिए पशु-पक्षी भी इसे झूठा नहीं कर पाते है. साफ और शुद्ध होने के कारण छठी मैय्या को सिंघाड़ा भी चढ़ाया जाता है. सिघांड़ा लक्ष्मी जी का भी प्रिय फल माना जाता है. ऐसा माना जाता है कि इसे चढ़ाने से धन-धान्य की प्राप्ति होती है. खाने में इसका स्वाद मीठा रहता है. साथ ही इस फल में बहुत से औषधीय गुण मौजूद होते हैं.
सुथनी
सुथनी मिट्टी से निकलता है, इसलिए इसे शुद्ध माना जाता है. यह फल देखने और स्वाद में शकरकंद की तरह लगता है. छठ पूजा में इस फल को भी अवश्य शामिल किया जाता है. इसमें कई औषधीय गुण होते हैं. यह फल बहुत शुद्ध माना जाता है, इसलिए छठ पूजा में इस्तेमाल होता है.
सुपारी (कसेली)
हिंदू धर्म की किसी भी पूजा में सुपारी का खास महत्व है. किसी भी पूजा का संकल्प बिना पान सुपारी नहीं होता है. सुपारी पर देवी लक्ष्मी का प्रभाव माना जाता है.