November 16, 2024

गुल हो सकती है आपके घर की बिजली, सिर्फ चार दिनों के लिए ही कोयले का स्टॉक बचा

New Delhi/Alive News : अगले कुछ दिनों में आपका घर पावर कट की चपेट में आ सकता है क्योंकि देश में केवल 4 दिन का कोयला बचा हुआ है. भारत में बिजली उत्पादन के लिए सबसे ज्यादा इस्तेमाल कोयले का ही होता है और ऊर्जा मंत्रालय के मुताबिक कोयले पर आधारित बिजली उत्पादन केंद्रों में कोयले का स्टॉक बहुत कम हो चुका है.

देश में 70 फीसदी बिजली उत्पादन केंद्र कोयले पर आधारित है. कुल 135 थर्मल पावर प्लांट्स में से 72 के पास कोयले का 3 दिन से भी कम का स्टॉक है. जबकि 50 पावर प्लांट ऐसे है जहां कोयले का 4 से 10 दिन का स्टॉक बचा हुआ है. 13 प्लांट्स ही ऐसे हैं जहां 10 दिन से ज्यादा का कोयला बचा है.

ऊर्जा मंत्रालय के अनुसार, इसके पीछे बड़ी वजह कोयले के उत्पादन और उसके आयात में आ रही दिक्कतें हैं. मानसून की वजह से कोयला उत्पादन में कमी आई है. इसकी कीमतें बढ़ी हैं और ट्रांसपोर्टेशन में काफी रुकावटें आई हैं. ये ऐसी समस्याएं हैं जिसकी वजह से आने वाले समय में देश के अंदर बिजली संकट पैदा हो सकता है.

कोयला संकट के पीछे कोरोना काल भी बड़ी वजह
ऊर्जा मंत्रालय ने बताया है कि बिजली संकट के पीछे एक वजह कोरोना काल भी है. दरअसल, इस दौरान बिजली का बहुत ज्यादा इस्तेमाल हुआ है और अब भी पहले के मुकाबले बिजली की मांग काफी बढ़ी हुई है. ऊर्जा मंत्रालय के एक आंकड़े के अनुसार 2019 में अगस्त-सितंबर महीने में बिजली की कुल खपत 10 हजार 660 करोड़ यूनिट प्रति महीना थी. यह आंकड़ा 2021 में बढ़कर 12 हजार 420 करोड़ यूनिट प्रति महीने तक पहुंच गया है.

बिजली की इसी जरूरत को पूरा करने के लिए कोयले की खपत बढ़ी. 2021 के अगस्त-सितंबर महीने में कोयले की खपत 2019 के मुकाबले 18 प्रतिशत तक बढ़ी है. भारत के पास 300 अरब टन का कोयला भंडार है. लेकिन फिर भी बड़ी मात्रा में कोयले का आयात इंडोनेशिया, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका जैसे देशों से करता है. अगर इंडोनेशिया की ही बात करें तो मार्च 2021 में कोयला की कीमत 60 डॉलर प्रति टन थी जो अब बढ़कर 200 डॉलर प्रति टन हो गई है. इस वजह से कोयले का आयात कम हुआ है. ऐसी कई वजहें हैं जिससे थर्मल पावर प्लांट्स की बिजली की जरूरत को पूरा करने के लिए कोयला नहीं पहुंच पा रहा है. इस वजह से प्लांट के कोयला भंडार समय के साथ-साथ कम होता गया. अब हालत यह है कि 4 दिन बाद देश के कई इलाकों में अंधेरा हो सकता है.

कोयले संकट पर ओवैसी ने पीएम पर साधा निशाना
एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने कोयले के संकट को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला है. ओवैसी ने तंज कसते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सक्षम और दूरदर्शी नेतृत्व में कोयला बिजली स्टेशनों के पास केवल औसतन चार दिनों का कोयले का स्टॉक बचा हुआ है. यह पिछले कई सालों में सबसे कम उपलब्ध स्टॉक है. बिजली बिल के दामों में बढ़ोतरी हो सकती है. इसके अलावा, बिजली कटौती का सामना भी करना पड़ सकता है. देश में 70 फीसदी बिजली कोयले पर ही निर्भर करती है.