Chandigarh/Alive News : पंजाब- हरियाणा हाईकोर्ट ने मां की ममता को लेकर फैसला सुनाते हुए यह स्पष्ट कर दिया है कि मां के प्यार का कोई विकल्प नहीं हो सकता है। बच्चे के पिता ने दलील दी थी कि दादी की देखरेख में बच्चे को अच्छी परवरिश मिल रही है, जिसे हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया।
महिला के अनुसार उसका विवाह 11 दिसंबर, 2016 को हुआ था। विवाह के बाद 1 जनवरी, 2018 को कनव का जन्म हुआ। याची ने बताया कि विवाह के बाद से ही लगातार उस पर दहेज के लिए दबाव बनाया जा रहा था। इसके बाद याची को कोलकाता जाना पड़ा और जब वह वापस आई तो उसे घर में प्रवेश नहीं करने दिया गया। इसके साथ ही उसे बच्चे से भी नहीं मिलने दिया गया।
मिली जानकारी के अनुसार पिंकी अग्रवाल के जालंधर निवासी पति ने दलील दी कि याचिकाकर्ता खुद घर छोड़कर गई थी। उसने बच्चे से मिलने में भी कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई। साथ ही यह भी कहा कि याची ने गुजारे भत्ते के लिए केस दाखिल किया है, ऐसे में वह कैसे बच्चे को अच्छी परवरिश दे सकती है। याची के पति ने कहा कि वह एक कॉलेज में डायरेक्टर है और 55 हजार रुपये महीने का वेतन पाता है। बच्चा अभी तीन साल का है और अपनी दादी की देखरेख में अच्छे से बढ़ रहा है।