Faridabad/Alive News : नगर निगम ने पर्वतीय कॉलोनी में सीवर की सफाई के लिए कोई योजना नहीं बनाई। यह आरोप लगाते हुए माकपा के नेता वीरेंद्र सिंह डंगवाल ने बताया कि पिछले कई महीनों से सड़कों-गलियों में सीवर ओवरफ्लो होने से लोगों को भारी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। लोगों को अपने घरों में आने जाने के लिए भी दिक्कतें हो रही हैं। लेकिन निगम के अधिकारी और कर्मचारी सुनकर भी अनसुनी कर रहे हैं।
पिछले 10 दिनों से लगातार सीवर ओवरफ्लो की शिकायतें निगम कार्यालय में की गई। लेकिन समस्या ज्यों की त्यों बनी हुई है। आज वीरवार को कुछ लोग मैनहोल का ढक्कन उठाकर सफाई करते हुए दिखे। लेकिन थोड़ी देर बाद यह कहते हुए वापस चले गए कि यहां पर बड़ी मशीन लेकर के आएंगे तभी बंद सीवर खुल पाएगा।
पर्वतीय कॉलोनी की गली नंबर 2 चावला स्वीट्स के पास सत्संग भवन के सामने रहने वाले लोगों ने यह भी बताया कि निगम के अधिकारी और कर्मचारी इस गली में कभी आते ही नहीं है। सड़क पर सीवर का गन्दा पानी बहता रहता है। जिसकी वजह से सारी सड़क टूट गई है। इसके कारण गंदा पानी मेनहोल तक पहुंचता ही नहीं है। हमेशा मेनहोल से गंदा पानी बाहर बहता रहता है। इसका मुख्य कारण सीवर लाइन की पाइप लाइन का लेबल ठीक नहीं होना है।
यहां के निवासी उत्तराखंड जागरूक मंच के नेता चंदन सिंह अधिकारी, रामपाल, मुकेश कोहली, अर्जुन रावत, राजेंद्र सिंह रावत, राकेश सती, सुनील शर्मा, हीरालाल, पूजा, कमला, पूर्ण सिंह नगरकोटी आदि ने नगर निगम अधिकारियों पर लापरवाही का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि उनके साथ नगर निगम के अधिकारी भेदभाव कर रहे हैं। कुछ गलियों और सड़कों को ठीक रखता जाता है। लेकिन हमारी गलियों की तरफ कोई झांकता भी नहीं है।
जबकि अन्य लोगों की तरह यहां के निवासी भी नगर निगम में हाउस टैक्स जमा करते हैं और डेवलपमेंट चार्ज भी देते हैं। इसके बावजूद भी हमें गन्दगी में रहना पड़ता है। यह अजीब विडंबना ही है कि निगम के आला अधिकारी इंजीनियरिंग शाखा के लोग कार्यालयों में बैठकर ही सारा काम कर लेते हैं, फील्ड में कभी नहीं जाते हैं। इसकी वजह से स्मार्ट सिटी की हालत खस्ता बनी हुई है। सबसे अधिक गंदगी के ढेर यहीं पर दिखाई देते हैं।