November 18, 2024

अपनी विफलताओं को छुपाने के लिए सरकार अपना रही है ऐसे हथकंडे

Faridabad/Alive News: प्रदेश सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए निजी स्कूलों से राजकीय स्कूलों में एडमिशन लेने वाले विद्यार्थियों के लिए एसएलसी एसआरएन नंबर की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया है। लेकिन सरकार का यह कदम उन्हें स्वयं सवालों के कटघरे में खड़ा कर रहा है। सरकार के इस फैसले का प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन विरोध कर रहे हैं और उन पर सवालिया निशान खड़े कर रहे हैं।

दरअसल, गत वर्ष महामारी के मद्देनजर लगभग दो लाख छात्रों ने निजी स्कूल से सरकारी स्कूलों की तरफ रुख किया। जिससे निजी स्कूल संचालकों को आर्थिक तंगी से जूझना पड़ा और अभी भी यह सिलसिला जारी है। अभिभावकों और निजी स्कूल संचालकों के बीच खींचातानी को देखते हुए शिक्षा मंत्री ने बड़ा फैसला लेते हुए एक तरफ एसएलसी की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया है तो वहीं दूसरी तरफ सरकार के इस फैसले पर निजी स्कूल संचालक सवाल खड़े कर रहे हैं।

आरोप है कि सरकार राइट टू एजुकेशन एक्ट के नियमों के खिलाफ जा रही है। शिक्षा अधिनियम के अनुसार तीसरी कक्षा से ऊपर के छात्रों का बिना एसएससी के किसी भी स्कूल में एडमिशन नहीं हो सकता है। सरकार अपने स्कूलों को ठीक से भी चला पा रही है और कमियों को छुपाने के लिए ऐसे कदम उठा रही है। इससे निजी स्कूल संचालकों को आर्थिक तंगी से जूझना पड़ेगा।

क्या कहना है प्राइवेट स्कूल संचालकों का
सरकार अपने स्कूलों को ठीक से नहीं चला पा रही है और अपनी विफलताओं को छुपाने के लिए ऐसे हथकंडे अपना रही है। सरकार के इस फैसले से समाज में अफरा-तफरी का माहौल फैलेगा।
-कुलभूषण शर्मा, प्रेसिडेंट निसा।

सरकार स्वयं अपने नियमों की अवहेलना कर रही है क्योंकि एजुकेशन एक्ट में यह साफ-साफ लिखा है कि तीसरी कक्षा से ऊपर के विद्यार्थियों का बिना एसएलसी के एडमिशन कहीं भी नहीं होगा और आज सरकार का यह फैसला स्वयं उन्हें कटघरे में खड़ा कर रहा है। हालांकि यह मामला कोर्ट में विचाराधीन है।
-एसएस गोसाई, प्रदेश अध्यक्ष, हरियाणा प्रोग्रेस स्कूल एंड कांफ्रेंस।

हमें शिक्षा मंत्री द्वारा आदेश मिले हैं कि स्कूलों में बिना एसएससी के आने वाले सभी बच्चों का दाखिला लिया जाएगा और अस्थाई रूप से एसआरएन नंबर प्रदान किया जाएगा यदि दो सप्ताह के पश्चात निजी स्कूल एसआरएन नंबर नहीं देता तो अस्थाई एसआरएन नंबर को ही स्थाई कर दिया जाएगा।
-रितु चौधरी, जिला शिक्षा अधिकारी ।